- देवप्रभा प्रकाशन और हिन्दी भवन समिति ने संयुक्त रूप से किया कवि सम्मेलन आयोजित
गाजियाबाद। देवप्रभा प्रकाशन और हिन्दी भवन समिति ने गणतंत्र दिवस पर लोहिया नगर स्थित हिन्दी भवन में विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया। इसमें देश के नामचीन कवियों ने विविध रसों से परिपूर्ण कविताएं सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। हिन्दी अकादमी दिल्ली के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा और नगर निगम के पूर्व पार्षद व ओज के महाकवि कृष्ण मित्र के सुपुत्र हिमांशु लव कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने सम्बोधन में हिन्दी कविता और कवि सम्मेलनों की महत्ता पर प्रकाश डाला। इंदौर से पधारीं सुविख्यात कवयित्री डॉ. भुवन मोहिनी की सरस्वती वंदना से शुरू हुए कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना ने की। डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपने मधुर गीतों से सबका दिल जीत लिया। उनकी कविता की चार पंक्तियांे ‘ बड़ी मुश्किल से कोई सुबह मुस्कुराती है, गम की हर रात दबे पांव चली आती है, वक्त लगता ही नहीं जिन्दगी बदलने में, पर बदलने में वक्त जिन्दगी लग जाती है।’ पर खूब तालियां बजीं। डॉ. भवन मोहिनी ने पढ़ा-‘इक मीरा थी प्यार की खातिर पी गई जहर का प्याला, आज की मीरा मदिरा पीकर कहती है उल्लाला, हो गई हो गई रे बावरिया दुनिया हो गई रे।’ सुप्रसिद्ध हास्य कवि शम्भु शिखर ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब हंसाया। विपक्षी राजनीतिक पार्टियों पर चुटकी लेते हुए उन्होंने सुनाया-‘जो लोग राम जी का है विरोध कर रहे, बतला के खीर उनको फेविकोल पिला दो।’ बडोदरा गुजरात से पधारीं कवयित्री श्वेता सिंह के गीतों को खूब सराहा गया। भगवान श्रीराम मंदिर पर उनकी ये पंक्तियां ‘ हमारे राम तुम्हारे राम, जगत में सबसे प्यारे राम, अवध में पुनः पधारे राम’ श्रोताओं ने खूब दोहराईं। फरीदाबाद से आये मशहूर कवि श्रीचंद भंवर के श्रंगारिक गीतों ने खूब तालियां बटोरीं। ‘अम्बुआ की डारी पर कोयल की कूक हो, पपीहा के हियरा में स्वाति की हूक हो, बादल और बिजली का एक साथ डेरा हो, चल रे मन आज जहां प्रीत का बसेरा हो’ गीत सुनाकर उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। आगरा से पधारे युवा कवि एलेश अवस्थी की ओजस्वी कविताओं ने श्रोताओं के दिलों को हिलाकर रख दिया। ‘अक्षर-अक्षर गांडीव की टंकार सुनाई देगी जी, केवल भारत माता की जयकार सुनाई देगी जी’ पंक्तियों पर श्रोताओं ने ताल से ताल मिलाई। कवि, पत्रकार और कवि सम्मेलन के संयोजक डॉ. चेतन आनंद की वीर रस की कविताओं खासतौर पर शहीद पर पढ़ी गई कविता ने श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी। ‘जिसने की मरने-मिटने की तैयारी, जान गंवा दी लेकिन बाजी न हारी, ऐसे अमर शहीद का तुम वंदन करना, सौ-सौ नहीं हजारों अभिनंदन करना’ पंक्तियों से उन्होंने शहीदों के प्रति अपने भाव सुमन अर्पित किये। कवि सम्मेलन में आगरा से आये कवि बीपी सिंह ‘मिलिन्द’ ने अपनी कविताओं और बीच-बीच में करारी चुटकियांे के माध्यम से श्रोताओं को खूब लुभाया। दिल्ली से मशहूर शायरा सरिता जैन की गजलों ने सबका दिल जीता। उज्जैन से आये सुविख्यात हास्य-व्यंग्य कवि दिनेश दिग्गज ने कुशल संचालन करने के अलावा अपनी कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। कवि सम्मेलन में महेश आहूजा, रवि वर्मा, अशोक चोपड़ा, सुशील गुलाटी, सुप्रसिद्ध शायर राज कौशिक, डॉ. सुधीर त्यागी, जयवीर आर्य, भूपेन्द्र त्यागी, अनिमेष शर्मा, डॉ. तारा गुप्ता, डॉ. तूलिका सेठ, ब्रजनंदन पचौरी, अजय अग्रवाल, पूनम सागर, मंजुला रॉय, रीता चोपड़ा, वीरपाल विद्यालंकार, मुकेश गुप्ता आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए। कवि सम्मेलन से पूर्व आयोजित सम्मान समोराह का सफल संचालन पूनम शर्मा ने किया।
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