- धान अधिप्राप्ति, बीज वितरण, प्रतिरक्षण किट का वितरण, नलकूप, उर्वरक की उपलब्धता आदि का किया समीक्षा, धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का दिया निर्देश
- उर्वरक की उपलब्धता, बिक्री एवं कालाबाजारी पर सतत निगरानी रखने का दिया निर्देश, अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण कर किसानों की समस्याओं, उर्वरक की कालाबाज़ारी,बीज की उपलब्धता पर नजर रखने का दिया निर्देश।
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में कल मंगलवार की देर शाम में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने धान अधिप्राप्ति,बीज वितरण,प्रतिरक्षण किट का वितरण,, नहरों से सिंचाई, नलकूप, उर्वरक की उपलब्धता आदि का समीक्षा कर संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए।धान अधिप्राप्ति की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की पूर्ण पारदर्शिता एवं सहजता के साथ पूरी तेजी से किसानों से धान अधिप्राप्ति सुनिश्चित करेंगे,साथ ही ससमय उनके खाते में राशि उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि अधिप्राप्ति कार्य मे लापरवाही या शिथिलता बरतने वाले पर जबाबदेही तय कर करवाई की जाएगी। उर्वरक की उपलब्धता विशेषकर रबी फसलों के लिए समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है।वर्तमान में डीएपी की मांग ज्यादा है।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया की उर्वरक की उपलब्धता एवं बिक्री पर सतत निगरानी रखे, किसी भी स्थिति में उर्वरकों की कालाबाजारी की शिकायत नही मिलनी चाहिए। गौरतलब हो कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान रबी फसल के लिए डीएपी की जगह मिक्चर ज्यादा फायदेमंद है। गेहूं की बुआई के लिए डीएपी (18:46:0)के जगह मिक्चर (20:20:0:13) या ssp ka प्रयोग उचित होता है। उन्होंने बताया कि फास्फोरस की मात्रा डीएपी में ज्यादा होने के कारण ठंड में यह कम घुलनशील होता है जबकि मिक्चर/ (20:20:0:13)या ssp का घुलनशीलता ज्यादा होने के कारण गेहूं की फसल के लिए ज्यादा उपयुक्त है। Ssp अथवा मिक्चर में सल्फेन (sulphen )की मात्रा होने के कारण रबी फसल को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ साथ तेलहन में तेल की मात्रा को बढ़ाता है साथ ही गेहूं में बीज की चमक एवम दलहन गुणवत्ता एवम उपज वृद्धि होती है। अतः किसान भाइयों से अनुरोध है कि,डीएपी का इंतजार न करते हुए मिक्चर (20:20:0:13)की प्रयोग कर ससमय बुआई करे एवं ज्यादा उपज प्राप्त करे। समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने जल-संसाधन विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिया कि पटवन हेतु किसानों को कोई परेशानी का सामना नही करना पड़े। किसानों से मिलकर पटवन की स्थिति जाने। उन्होंने निर्देश दिया कि बंद पड़े नलकुपो को शीघ्र मरम्मति कर चालू करवाना सुनिश्चित करे,साथ ही टास्क फोर्स की सभी बैठक में कार्यपालक अभियंता नलकूप प्रतिवेदन के साथ अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे।। उन्होंने कहा कि विद्युत अभियंता एवं नलकूप के अभियंता आपस में समन्वय कर विद्युत दोष से बंद पड़े नलकूपों को अविलंब चालू करवाना सुनिश्चित करे।उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए सुदूर खेतों तक तेजी के साथ विद्युत संबद्धता प्रदान करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित कार्यपालक अभियंता विद्युत को निर्देश दिया कि जिले में जिन इच्छुक किसानों के खेतों में बिजली का खंबा उपलब्ध है, वहां शत प्रतिशत इच्छुक किसानों को जल्द से जल्द विद्युत संबद्धता प्रदान करे,साथ ही साथ ही उन्होंने जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द से जल्द बदलने के निर्देश भी दिए।उन्होंने कृषि फीडर से निर्बाध रूप से निर्धारित समय तक प्रतिदिन बिजली उपलब्ध करवाने को लेकर विधुत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। उक्त बैठक ,जिला आपूर्ति पदाधिकारी,जिला सहकारिता पदाधिकारी,जिला पशुपालन पदाधिकारी सहित सभी संबधित अधिकारी उपस्थित थे।
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