- 100 विद्युत चालित चाक, 100 फुटवेयर रिपेयरिंग टूलकिट समेत 320 मशीनरी और टूलकिट का वितरण
- अलग-अलग विधाओं में 100 से अधिक नये प्रशिक्षुओं को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया
कारीगरों से अपने विचार साझा करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार की गारंटी ने भारत के आर्थिक विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। इसका सबसे ज्यादा असर पूज्य बापू की विरासत खादी पर पड़ा है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया है कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है। मोदी सरकार की गारंटी ने भारत की खादी को वैश्विक ब्रांड बन दिया है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में कुल 76 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। वर्ष 2022-23 में इन संस्थाओं ने लगभग 39.20 करोड़ रुपये का उत्पादन और लगभग 81.67 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। इसके माध्यम से यहां पर 6 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया। इसी तरह से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार में अबतक 41,072 नयी इकाइयों की स्थापना की गयी जिससे 3,08,241 नये रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह बिहार में अभीतक 1,107.88 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने अभी तक किया है। इस अवसर पर श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है। वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी और बिहार सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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