- हर परिवार में ब्रेक का अनुशासन होना चाहिए-जगद गुरु महावीर दास ब्रह्मचारी महाराज
जब-जब धर्म की हानि होती है तो धर्म की रक्षा के लिए भगवान प्रकट होते
श्रीराम कथा के तीसरे दिन जगद गुरु महावीर दास ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है तो धर्म की रक्षा के लिए भगवान प्रकट होते हैं। अपनी लीला से सभी बाधाओं को दूर कर परमानंद प्रदान करते हैं। परमानंद की प्राप्ति के बाद मानव जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। व्यक्ति को जीवन में उन्नति के लिए आशावादी होना चाहिए। आशा की किरण को पूरा करने के लिए ईश्वरवादी होना जरूरी है। कथाओं में जीवन जीने के लिए जरूरी बातों का समावेश है। मानवता की राह पर चलकर व्यक्ति जीवन में अपेक्षित सफलता को आसानी से प्राप्त कर सकता है। भगवान श्री राम का जीवन चरित्र ही धर्म है। भगवान राम अपने गुरु, पिता, भाई संत, अनुचर, सहचर से कैसे व्यवहार करते हैं। धर्म को समझना हो तो उनके आदर्श को अपना लें तो धर्म का पालन हो जाएगा। क्योंकि धर्म के सारे लक्षण भगवान के चरित्र में समाहित हैं। उन्होंने कहा कि राम कथा के श्रवण मात्र से ही मानव जीवन धन्य हो जाता है तथा मनुष्य जीवन के सारे दुखों का नाश हो जाता है। उसे हर स्थिति में एक समान रहने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि राम नाम तो कण-कण में व्याप्त है। मात्र कुछ ही वक्त निकालकर अगर कोई रामकथा सुन ले तो उसका जीवन सफल हो जाता है। आज हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव है। ऐसे में रामकथा उन्हें सच्चाई का अहसास करवाती है। बिना सत्संग के मानव का जीवन अधूरा होता है। जीवन के सारे कष्टों का निवारण सिर्फ राम कथा से ही संभव है।
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