यही नहीं अतिथि प्रोफेसरों के हित में मध्य प्रदेश तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग आदेश कमांक एफ-1-6/2020/42-1 दिनांक 05/10/2023 मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के आदेश क्रमांक एफ-1-6/2020/42-1 दिनांक 08/11/2023 विभाग ने आदेश जारी किया है लेकिन प्रबंधन आदेश मानने को राजी नहीं है जिस कारण अतिथि प्रोफेसरों को सही वेतनमान नहीं मिल रहा है इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है की संस्था स्तर पर चयनित अतिथी व्याख्याताओं को मानदेय रूपये 2 हजार रूपये प्रतिदिवस और अधिकतम 50,हजार प्रतिमाह दिया जायेगा। इस संबंध में शासकीय महिला पोलिटेक्नीक महाविद्यालय अतिथि (व्याख्यातां)प्रोफेसर कामनी तोमर, चेतना भाठी, विश्वास बगबैया, स्वेता यादव, साजिया खान, सरीता पोल, आमिर अली का कहना है कि निरंतर कॉलेज मेें पढ़ाते हुए दस से पंद्रह वर्ष हो गए है और अबतक शासन ने अतिथि (व्याख्याताओं)प्रोफेसरों का जितनी बार भी मानदेय बढ़ाया है सभी का लाभ हमें मिला है लेकिन इस बार बढ़े हुए मानदेय नहीं दिया जाकर तकनीकी शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश और स्थानीय महिला पोलिटेक्नीक कॉलेज प्रबंधन के द्वारा हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है। शासकीय महिला पोलिटेक्नीक महाविद्यालय सीहोर में पदस्य अतिथि (व्याख्याता)प्रोफेसरों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग मंत्री इंदर सिंह परमार से बढ़ा हुआ मानदेय बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के सभी अतिथि (व्याख्याता)प्रोफेसरों को दिलाने की मांग की है।
सीहोर। शासकीय महिला पोलिटेक्नीक कॉलेज सीहोर में विभिन्न संकायों में पढ़ाई कर रही सैकड़ों छात्राओं का भविष्य खराब हो सकता है। कॉलेज में पदस्य अतिथि प्रोफेसरों की नाराजगी का खामियाजा छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है। बीते दिनों से छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अतिथि प्रोफेसरों ने वेतन विसंगति से उत्पन्न हो रही परेशानियों से कलेक्टर प्रवीण सिंह को भी लिखित में अवगत कराया है। इधर कॉलेज प्रबंधन के द्वारा नवीन चयन समिति का गठन कर अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति समिति अध्यक्ष और सदस्यों के द्वारा अवैधानिक रूप से राशि लेकर किए जाने के आरोप भी अतिथि (व्याख्याताओं)प्रोफेसरों ने लगाए गए है। शासकीय महिला पोलिटेक्नीक कॉलेज प्रबंधन ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अतिथि प्रोफेसरों के हित में दिए अधिकतम वेतन 50 हजार रूपये प्रतिमाह आदेश को भी हवा में उड़ा दिया है। राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय से संबंधित महिला पोलिटेक्नीक कॉलेज प्रबंधन विभागीय आदेश कमांक एफ-1-30/2018/42-1 को भी मानने को तैयार नहीं है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें