- पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘’राहगीर - द वेफरर्स’’ की स्क्रीनिंग पर निर्माता अमित अग्रवाल और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्ममेकर गौतम घोष ने जीता लोगों का दिल
पुणे 23 जनवरी, निर्माता अमित अग्रवाल, आदर्श टेलीमीडिया के अपने बैनर तले, जिन्होंने एमएस धोनी, ‘’द अनटोल्ड स्टोरी’’ जैसी फिल्मों की शुरुआत करने के अलावा कंगना रनौत अभिनीत फिल्म सिमरन का निर्माण किया है। अब इस प्रोडक्शन के बैनर तले बनी नयी फिल्म “राहगीर - द वेफ़रर्स” जिसका निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता गौतम घोष ने किया है। यह फिल्म अब पूरी तरह से रिलीज होने के लिए तैयार हैं। फिल्म के स्टार कलाकारों में आदिल हुसैन, तिलोत्तमा शोम, नीरज काबी और ओंकारदास मानिकपुरी इस दौरान मौजूद रहे। रविवार को पुणे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग आयोजित की गई। “राहगीर - द वेफ़रर्स” गरीबी से त्रस्त फिल्म में अजनबियों के बीच मुठभेड़ों का एक भावनात्मक चित्रण पेश किया गया है, जिन्हें नए आर्थिक अवसर खोजने के लिए भारत जैसे विशाल देश में पैदल इधर-उधर भटकना पड़ता है। यह फिल्म संकट की घड़ी में मानवीय सहानुभूति की कहानी बताती है, इस फिल्म के पात्र अपनी आजीविका की तलाश में यात्रा के दौरान एक-दूसरे के साथ बने रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। “राहगीर - द वेफ़रर्स” को झारखंड राज्य में फिल्माया गया है। इस फिल्म में एक बड़े भाग की शूटिंग रांची और नेतरहाट में की गई है।
मीडिया से बात करते हुए फिल्म ‘राहगीर - द वेफ़रर्स’ के निर्माता अमित अग्रवाल ने कहा, “हम पुणे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इतनी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने से बेहद खुश हैं। मुझे लगता है कि इस तरह का वृहद आयोजन यहां आनेवाले फिल्म निर्माताओं और फिल्म प्रेमियों के लिए एक बड़ा और खुला मंच प्रदान करता हैं। यहां आनेवाले दर्शकों ने फिल्म फेस्टिवल में न केवल 'राहगीर' फिल्म का आनंद लिया, बल्कि उन्होंने फिल्म से संबंधित प्रासंगिक सवाल भी आपस में विमर्श किया। जिससे पता चलता है कि फिल्म के साथ उनका जुड़ाव वास्तविक था। हम भारत में इस फिल्म के रिलीज होने से पहले इस फिल्म को विभिन्न फिल्म समारोहों में ले जाने की योजना बना रहे हैं। इस अवसर पर, ‘राहगीर - द वेफ़रर्स’ के निदेशक गौतम घोष ने कहा, यह फिल्म भारत में रहनेवाले गरीब श्रेणी के लोगों की कहानी को दर्शकों के सामने लाने की कोशिश की है, जो जंगलों में रहते हैं और मुश्किल से अपना गुजार-बसर करते हैं। उनके अपने सपने और इच्छाएं सीमित हैं। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे बड़े शहरों और एक गरीब आदिवासी गांव में भारतीय वास्तविकता भिन्न होती है। यह मानवता की एक खूबसूरत कहानी है, जो सबसे गरीब लोगों में भी जीवित है। 'राहगीर: द वेफ़रर्स' को पहले कई फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया जा चुका है। जिसमें बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, एमएएमआई - मुंबई फिल्म फेस्टिवल, शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, सिनेमा एशिया फिल्म फेस्टिवल (एम्स्टर्डम), केआईएफएफ - कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, आईएफएफके - इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ केरला इसमें शामिल हैं।
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