नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में राजपाल एंड संज के स्टाल पर सोमवार दोपहर रवि ऋषि की पुस्तक 'अखबार में फोटो' का लोकार्पण हुआ। आयोजन में वरिष्ठ कथाकार अलका सिन्हा ने कहा कि यह रवि ऋषि का पहला कहानी संग्रह है जिन्होंने अपने चार दशकों के अनुभवों को कथा रूप में ढाला। अपने समय को वे कैसे देखते है इनके संग्रह में स्पष्ट दिखाई देता है। संग्रह की कहानियों में समानता के साथ विभिन्नता भी देखने को मिलती है। मन गांव की ओर भागता है इन कहानियों में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इनकी कहानी पराई बेटी बेहद महत्त्वपूर्ण कहानी है। इसके अलावा गुरु दक्षिण, दरवेश, खंडहर भी अति महत्वपूर्ण कहानियां हैं। व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा कि रवि ऋषि अपनी कहानियों में पिछड़े वर्ग का चित्रण करते हैं और इनकी कहानियों में मानवीय मूल्य, जीवन सरोकार दिखाई देते हैं। जीवन से जुड़ी सच्ची घटनाओं पर आधारित इस संग्रह की कहानियां हैं। इनकी कहानियों में ग्रामीण संस्कृति के साथ साथ शहरी संस्कृति भी देखने को मिलती है। गीली मिट्टी एक ऐसी ही कहानी है। कथाकार बलराम ने कहा कि ये जो कहानियां हैं कम शब्दों में अपनी बात कहने की क्षमता रखती हैं। गीली मिट्टी कहानी में जीवन मूल्यों को बेहद ख़ूबसूरत ढंग से उकेरा गया है। रवि ऋषि प्रकृति और संवेदना पर बेहद बारीक़ी से नज़र बनाये रखते हैं। जो कि इनकी कहानियों में दिखाई देता है। रवि ऋषि अपनी कहानियों में मानवीय मूल्यों को बहुत अधिक महत्त्व देते हैं। अंत में मीरा जौहरी ने आभार व्यक्त किया।
सोमवार, 12 फ़रवरी 2024
विश्व पुस्तक मेला में "अखबार में फोटो” पुस्तक का लोकार्पण व परिचर्चा
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