कविता : सपनों की इजाज़त - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 4 फ़रवरी 2024

कविता : सपनों की इजाज़त

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी।

जीने की इजाजत चाहती हूं।।

प्यारी सी मुस्कुराहट है मेरी भी।

मुस्कुराने की इजाजत चाहती हूं।

छोटे छोटे सपने हैं मेरे भी।

उन्हें पूरा करना चाहती हूं।

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी।

जीने की इजाजत चाहती हूं।।

मैं बेटी हूं, बेटा नहीं।

बेटी बनकर जीना चाहती हूं।।

सपना मेरा भी है शिक्षित होने का।

बस पढ़ने की इजाजत चाहती हूं।।

मन मेरा भी है दुनिया देखने का।

इन दीवारों से बाहर निकलना चाहती हूं।

छोटी सी जिंदगी है मेरी भी। 

जीने की इजाजत चाहती हूं।।






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पिंकी अरमोली

सुमित्रानंदन पंत महाविद्यालय

गरुड़, उत्तराखंड

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