(डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)
कश्मीरी की क्लासिक कहानियाँ' संग्रह की सभी कहानियाँ सदाबहार, यानी क्लासिक कहानियाँ हैं। एक विशेष कालखंड में लिखी ये सर्वप्रिय कहानियाँ अपने समय में भी सर्वश्रेष्ठ थीं और काल की धार को झेलती आज भी इन्हें कश्मीरी कथा-साहित्य की बेजोड़ रचनाएँ कहलाने का गौरव प्राप्त है। इस बीच गंगाजी और जेहलम में खूब पानी बहा। कश्मीर घाटी राजनीतिक संक्रमण और सामाजिक विघटन के भयावह दौर से बार-बार गुजरी, मगर इस सबके बावजूद इन लाजवाब कहानियों की सुवास, सौंदर्य और संदेश में कोई कमी नहीं आई। इन कहानियों का संदेश तब भी देश - कालातीत था और आज भी है। शाश्वत साहित्य की यही तो पहचान होती है। इन कहानियों में वह सबकुछ है, जो इन्हें सर्वश्रेष्ठ अथवा क्लासिक बनाता है। ये कहानियाँ अपने रचयिताओं के कला-सौष्ठव के साथ-साथ कश्मीरी कहानी-जगत् के गौरवशाली इतिहास की पताका पूरे पराक्रम के साथ फहराती हैं। सच पूछा जाए तो कश्मीरी जन-जीवन के साथ-साथ ये कहानियाँ मोटे तौर पर मानव जीवन की विभिन्न प्रवृत्तियों, संघर्षों और मानव-व्यवहार की बारीकियों की बहुमूल्य दस्तावेज हैं। कश्मीरी कथा-साहित्य की बहुमूल्य रचनाएँ तो ये हैं ही, भारतीय साहित्य की भी बेजोड़ और क्लासिक कृतियाँ हैं। पुस्तक अमेज़न/फिलिपकार्ट पऱ उपलब्ध है।
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