इस बजट में ऐसे कोई भी एलान नहीं हुए हैं, जिसके कारण देश में कुछ महंगा या सस्ता होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये बजट भाषण टैक्स, पॉलिसी, प्रधानमंत्री, गवर्मेंट और भारत जैसे शब्दों पर फोकस रहा. निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में टैक्स शब्द का प्रयोग 42 बार किया, पीएम शब्द का प्रयोग उन्होंने 42 बार किया. पॉलिसी शब्द की चर्चा उन्होंने 35 बार की. सरकार शब्द 26 बार बजट भाषण में आया। भारत शब्द का इस्तेमाल 24 बार हुआ. महिला शब्द 19 बार प्रयोग में आया. स्कीम शब्द का जिक्र 16 बार हुआ. किसान, फाइनेंस, ग्लोबल शब्द 15 बार बजट में आए. मतलब साफ है ये बजट मोदी जीत की हैट्रिक वाला है! आज जिस इनकम टैक्स की नई स्कीम की घोषणा की गई, उससे मध्यम वर्ग के एक करोड़ लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. विशेष तौर पर मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी है। रूफटॉप सोलर एनर्जी से मध्यम वर्ग को हर साल बिजली में खर्च होने वाली बड़ी राशि बचाने में मदद मिलेगी। किराए के मकानों या झुग्गी-झोपड़ी या चाल और अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के पात्र लोगों को अपने स्वयं के मकान खरीदने या बनाने में मदद मिलेगी। सीतारमण के एलान के मुताबिक, छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार प्रत्येक महीने 300 यूनिट तक निःशुल्क बिजली प्राप्त कर सकेंगे। बता दें कि ये परंपरा रही है कि सरकारें आम चुनाव से पहले पेश बजट में कोई भी लोकप्रिय घोषणा नहीं करती हैं. इसी का हवाला देकर वित्त मंत्री ने टैक्स से जुड़ी कोई घोषणा नहीं की. अगर चुनाव में इस सरकार की वापसी होती है तो जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट में सरकार की ओर से टैक्स रिलीफ की घोषणा की जा सकतीवित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस अंतरिम बजट के जरिए हर वर्ग के लोगों को साधने का प्रयास किया है। यह बजट युवा, गरीब, महिला, किसान सभी को लुभाने वाला है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के लिए आयुष्मान भारत कवरेज का विस्तार एक सराहनीय कदम है। इसमें हेल्थ केयर फ्रंट लाइन में श्रमिकों की भलाई को प्राथमिकता दी गई है। लखपति दीदी योजना का टारगेट बढ़ाकर 3 करोड़ करने से महिलाओं पर फोकस किया गया है। इस बजट में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में गति मिलेगी। ग्रामीण इलाकों को इससे काफी फायदा होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया अंतरिम बजट ’आत्मविश्वास से लबरेज, मजबूत और आत्मनिर्भर विकसित भारत’ की दृष्टि को रेखांकित करता है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2027 तक बढ़कर 5,000 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। मतलब साफ है यह बजट 2047 के भारत को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है, जब हमारी आजादी को 100 साल पूरे होंगे।’’ अंतरिम बजट गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के सशक्तिकरण पर केंद्रित है।यह बजट किसानों के जीवन में खुशहाली लाने वाला बजट है। इस बजट में मुख्य रूप से सरकार की आगामी योजना दलहन और तिलहन की फसलों पर ध्यान केंद्रित करने का है। इससे गांव-गांव में जब दलहन और तिलहन की खेती की ओर से किसान जाएंगे तो निश्चित रूप से कैश प्राप्त बढ़ेगा और किसानों की आमदनी का जरिया बढ़ेगा। अनुसंधान और नवाचार पर 1 लाख करोड़ का फंड बनाने की घोषणा की गई है, बजट में स्टार्टअप को मिलने वाले टैक्स छूट के विस्तार का भी ऐलान किया गया है। इसमें राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए पूंजीगत व्यय को 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है।’ यह बजट पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के गुणात्मक और मात्रात्मक परिवर्तन का एक उत्कृष्ट सारांश है।
सरकार के मिशन इंद्रधनुष के तहत महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। बच्चों के लिए उज्जवल भविष्य सुरक्षित किया जा रहा है।। कई तरह के वैक्सीनेशन अभियान को शुरू किया गया है। इससे लोगों को काफी लाभ होगा। देश में और मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इससे डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा। मतलब साफ है। अंतरिम बजट की योजनाएं भारत को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस बार बजट में इनकम टैक्स के स्लैब्स में तो कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन नई टैक्स व्यवस्था के तहत अब 7 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता, जो 2013-14 में सिर्फ 2.2 लाख रुपये था. रिटेल बिजनेस के लिए प्रिजम्पटिव टैक्सेशन की सीमा को 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं प्रोफेशनल्स की प्रिजम्पटिव टैक्सेशन की सीमा को भी 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया जा चुका है. इतना ही नहीं, कॉरपोरेट टैक्स को भी 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है. वहीं कुछ नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए यह दर सिर्फ 15 फीसदी है. मतलब है कि अगर सरकार को टैक्स में राहत देना है तो उसके लिए मिडिल क्लास को जुलाई 2024 तक इंतजार करना होगा. अगर आम चुनाव के बाद देश में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनती है तो ये सरकार आगामी जुलाई में पेश किए जाने वाले पूर्ण बजट में इसकी घोषणा कर सकती है. हालांकि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में संकेत दिया कि आम चुनाव के बाद उनकी सरकार वापसी कर रही है. इसका अंदाजा उनके इस बयान से लगा सकते है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के सरकार के विजन की हल्की-फुल्की चर्चा की. वित्त मंत्री ने अगले चुनाव में एनडीए सरकार की वापसी पर भरोसा जताते हुए कहा है कि जब इस साल जुलाई में एनडीए की सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तो उनकी सरकार 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कैसे करेगी, इसका विस्तृत रोडमैप उस बजट में जनता के सामने रखेगी. वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार उच्च विकास के साथ अर्थव्यवस्था का विस्तार करने और लोगों को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए अनुकुल परिस्थितियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाअपने संबोधन में कहा था कि हम खुद को नई प्रेरणाओं, नई चेतना, नए संकल्प के साथ देश के विकास के प्रति प्रतिबद्ध करते हैं. यह अमृत काल हमारे लिए ’कर्तव्य काल’ है. वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले की सभी चुनौतियों को आर्थिक प्रबंधन और गवर्नेंस के माध्यम से दूर किया गया. इस वजह से देश विकास के नियमित पथ पर चल पड़ा है. यह हमारी सही नीतियों, सच्चे इरादों और उचित निर्णयों से संभव हुआ है. वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई में पूर्ण बजट में हमारी सरकार ’विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासलि करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप पेश करेगी.
किसानों की बल्ले बल्ले
बजट में किसानों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण और बड़े फैसले लिए गए हैं. पशुओं के लिए नई योजनाएं, मत्स्य संपदा योजना के विस्तार और आत्मनिर्भर ऑयल सीड अभियान से किसानों की इनकम बढ़ेगी और खर्च कम होगा. ये बजट गरीबों और मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण और उनके लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर जोर देता है. गरीबों के लिए 2 करोड़ और घर बनाने की घोषणा की गई है. सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ ’लखपति दीदी’ बनाना है. अब आशा और आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा. अब कंपनियों पर कंप्लाएंस का बोझ कम हुआ है. 94 फीसदी इंडस्ट्री लीडर इसे एक सकारात्मक कदम कह रहे हैं. जीएसटी का टैक्स बेस पिछले सालों में अब तक दोगुना हो चुका है और औसत मंथली जीएसटी कलेक्शन भी करीब दोगुना होकर इस साल 1.66 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसका सबसे बड़ा फायदा कंज्यूमर्स को हुआ है, क्योंकि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट और टैक्स में कमी आने के चलते बहुत सारे प्रोडक्ट और सर्विस के दाम कम हो गए हैं.अगर बात की जाए टैक्स प्रपोजल की तो इसके तहत निर्मला सीतारमण ने कोई बदलाव नहीं किए जाने की बात कही है. डायरेक्ट, इनडायरेक्ट और यहां तक इंपोर्ट ड्यूटी तक में की बदलाव नहीं किया गया है. स्टार्टअप्स को मिलने वाले कुछ खास टैक्स छूट की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है. साथ ही प्थ्ैब् यूनिट की ओर से सॉवरेन वेल्थ या पेंशन फंड की तरफ से किए गए निवेशों और कुछ आईएफएससी इकाइयों की कुछ आय पर टैक्स छूट की आखिरी तारीख बढ़ाई गई है. अभी तक यह आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है.
कुछ भी महंगा या सस्ता नहीं होगा
1 जुलाई, 2017 में गुड्स एंड सर्विस टैक्स के लागू होने के बाद बजट में कुछ भी महंगा या सस्ता कस्टम ड्यूटी या एक्साइज ड्यूटी में कोई बदलाव करने पर ही होता है. इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने एक्साइज या कस्टम ड्यूटी पर कुछ भी नहीं बोला है. जिसके कारण कुछ भी प्रत्यक्ष रूप से महंगा या सस्ता नहीं होगा. देखा जाएं तो राष्ट्रपति के अभिभाषण से ही साफ हो गया था कि अंतरिम बजट में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों पर फोकस किया जाएगा। अब बजट में इन वर्गों को लेकर बड़े एलान किए गए हैं। इस बजट में महिलाओं, युवाओं, किसानों, बुजुर्गों और ग्रामीणों को ध्यान में रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाओं का एलान किया गया है। इतना ही नहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पुराने आउटस्टैंडिंग डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लिया जाएगा. इसमें वित्त वर्ष 2010 तक 25,000 रुपये तक के मामले और वित्त वर्ष 2011-2015 के लिए 10,000 रुपये तक के मामले शामिल हैं. पिछले 5 सालों में करदाताओं की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स रिफॉर्म से टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ा है.
महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने का प्रयास
बजट में वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए कई योजनाओं का एलान करते हुए कहा ’महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने के लिए 83 लाख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी नौ करोड़ महिलाओं में से तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। अभी तक इन स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं में से एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने में सफलता मिल चुकी है।’ 9 से 14 साल की बच्चियों को सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा। आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा। पोषण 2.0 को लागू किया जाएगा और टीकाकरण को मजबूत किया जाएगा। सभी आंगनवाड़ी कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा में महिलाओं के एडमिशन लेने की संख्या में 28 फीसदी का उछाल आया है। साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों में लड़कियों के एडमिशन लेने में 43 प्रतिशत की तेजी आयी है। पिछले बजट में केंद्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला सम्मान बचत सर्टिफिकेट योजना की शुरुआत की थी। यह योजना मार्च 2025 तक उपलब्ध है और इसमें महिलाओं या लड़कियों के नाम पर दो साल के लिए अधिकतम दो लाख रुपये 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर जमा किए जा सकते हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाए गए महिलाओं के 81 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप को आर्थिक रूप से और सशक्त करने का एलान किया गया था। जिसके तहत इन सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मिलाकर उन्हें कच्चा माल मुहैया कराकर और उन्हें डिजाइन, क्वालिटी, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की ट्रेनिंग देकर इन्हें प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज के तौर पर विकसित करने का एलान किया गया था। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश की तीन करोड़ महिला किसानों के बैंक खातों में 54 हजार करोड़ रुपये डाले गए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बजट में वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 267 करोड़ रुपये ज्यादा कुल 25,448 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। लिंगानुपात को बेहतर करने के लिए 2,23,219 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
यूपी को मिलेगा लाभ
यूपी को बजट में सीधे तौर पर कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्री ने आम बजट में 40 हजार रेल बोगी को वंदे भारत बोगी में बदलने की योजना बनाई गई है। इस योजना का लाभ यूपी को भी मिल सकता है। रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की नीति का फायदा यूपी के पैसेंजर्स को भी मिलेगा। देश में 2 करोड़ आवास के निर्माण की योजना का लाभ भी यूपी को मिलेगा। इसके अलावा तीन करोड़ महिलाओं को लाखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही, 75 हजार करोड़ का कर्ज राज्यों को दिए जाने की योजना है। इससे भी यूपी को फायदा मिल सकता है। यूपी के आधा दर्जन एक्सप्रेसवे को फंड मिल सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर बजट में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी की घोषणा बजट में की है। इसका सीधा फायदा यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को बड़ा फायदा मिल सकता है। योगी सरकार लगातार कनेक्टिविटी योजनाओं को बढ़ावा देने में जुटी हुई है। पीएम गति शक्ति के तहत पहचाने गए तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों को लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार और ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, बंदरगाह कनेक्टिविटी कॉरिडोर और उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर को कम करने के लिए भी लागू किया जाएगा। रक्षा बजट को 5.94 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य हार्डवेयर खरीदे जाएंगे।
निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत
’प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत करेंगे। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है। सी-फूड का उत्पादन दोगुना है। मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पांच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पांच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएंगे।’ पीएम किसान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों के खातों में पैसे डाले गए। पीएम फसल बीमा योजना के तहत चार करोड़ किसानों की फसल का बीमा किया गया। ई-नाम योजना के तहत 1361 मंडियों का एकीकरण किया गया, जिनमें तीन लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ।
दो करोड़ मकान बनाए जाएंगे
पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत अगले पांच वर्षों में देश के ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ मकान बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत कुल तीन करोड़ मकान बनाए जाने हैं। देश में एकीकृत एक्वापार्क बनाए जाएंगे। सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को 1.27 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वित्त मंत्री ने बताया स्किल इंडिया मिशन के तहत देश में 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड किया गया है। साथ ही 54 लाख अपस्किल या रि-स्किल किया गया है। पीएम मुद्रा योजना के तहत युवा उद्यमियों को 43 करोड़ के मुद्रा योजना लोन दिए गए। देश में 3000 नए आईटीआई बनाए गए हैं। साथ ही देश में सात आईआईटी, 16 आईआईआईटी, सात आईआईएम, 15 एम्स और 390 यूनिवर्सिटीज का निर्माण किया गया है।
सुरेश गांधी
वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी
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