पटना : "नाबार्ड हाट - 2024" का आयोजन गांधी मैदान में, चलेगा 01 मार्च 2024 तक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

पटना : "नाबार्ड हाट - 2024" का आयोजन गांधी मैदान में, चलेगा 01 मार्च 2024 तक

  • मेला का उद्घाटन सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार सरकार द्वारा किया गया
  • बिहार सहित अन्य राज्यों के मेला में  लगे हैं 100 स्टॉल

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पटना, 22 फरवरी, नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय, पटना द्वारा गांधी मैदान, पटना में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय मेला-सह-प्रदर्शनी “नाबार्ड हाट-2024” का उद्घाटन गुरुवार (22. फ़रवरी) को एन श्रवण कुमार, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार सरकार द्वारा किया गया । इस अवसर पर नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबन्धक डॉ सुनील कुमार, मुख्य महाप्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य सभी बैंक के नियंत्रक अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही । नाबार्ड हाट 2024 के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि एन श्रवण कुमार, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, बिहार सरकार ने नाबार्ड के प्रयास की प्रसंशा की और कहा कि यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनता के हित में योजनाएं ला कर उनके बेहतर भविष्य को बनाने का काम होता है, ऐसे में ग्रमीण क्षेत्र के शिल्पकारों एवं कारीगरों को मेला में एक जगह लाकर उनके उत्पाद को मौका देना महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से कलाकारों और शिल्पकारों को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। इस अवसर पर नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबन्धक डॉ सुनील कुमार ने कहा कि नाबार्ड ने ग्रामीणों के उत्थान के लिये प्रयास करती रहती है। उन्होंने मेले के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेला के माध्यम से, विभिन्न राज्यों में नाबार्ड के विकास कार्यक्रमों के तहत समर्पित ग्रामीण कारीगरों / स्वयं सहायता समूहों के सूक्ष्म उद्यम उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्रामीण उद्यमियों के साथ-साथ विभिन्न व्यापार संबंधी प्रथाओं के बारे में एसएवजी आधारित माइक्रो उद्यमों के बीच जागरूकता स्थापित करने के लिए, नाबार्ड की एक संरचनात्मक प्रयास है। उन्होंने कहा कि मेला में 100 स्टॉल लगें हैं, जिसमें जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, त्रिपुरा आदि राज्यों से त तथा बिहार के हर कोने से आए कारीगर अपने कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया है । भारत के हर कोने के हर कोने में बनने वाले उत्पाद जैसे कि पशमीना शाल, लाह - जूट के उत्पाद, कृत्रिम आभूषण, लकड़ी के खिलौने, पत्थरों के बने सजावटी सामान, टेराकोटा, बांस के बने उत्पाद, मसाले जूस आदि उत्पाद शामिल है । मेला का समय प्रतिदिन दोपहर 11 बजे से शाम 8.30 तक होगा। मेला के दौरान हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन संध्या 5.30 से 7.30 तक होगा जिसमें बिहार राज्य के विभिन्न लोक नृत्य एवं वित्तीय जागरूकता विषयक नाटको का मंचन होगा।

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