- संयुक्त किसान मोर्चां ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
सीहोर। संयुक्त किसान मोर्चा अखिल भारतीय किसान सभा के द्वारा शुक्रवार को न्यूनतम समर्थंन मूल्य की कानूनी गारंटी और किसानों का संपूर्ण कर्जां मुक्ति सहित अन्य किसान हितैशी मांगों को लेकर देशभर में मजदूरों की आम हड़ताल एवं ग्रामीण बंद के अवसर पर प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बैरागी के नेतृत्व प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर वंदना राजपूत को दिया गया। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों एवं किसान नेताओं पर हरियाणा सरकार और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही दमनात्मक कार्यवाही की तीव्र निंदा करते हुए दमन में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों के तत्काल निलंबन की मांग केंद्र व राज्य सरकार से की। प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ने कहा कि हम किसानों-मजदूरों पर कभी भी, कहीं भी सरकार द्वारा किए जाने वाले अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे। फसलों की एमएसपी खरीद की गारंटी का कानून बनाने, छोटे और मध्यम किसान परिवारों के लिए व्यापक ऋण माफी के माध्यम से कर्ज मुक्ति, श्रमिकों के लिए 26,हजार रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन लागू करने, श्रमिकों पर लादे गए 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने, रोजगार की गारंटी का मौलिक अधिकार देने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, रेलवे, रक्षा, बिजली सहित सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, नौकरियों का संविदाकरण बंद करने, निश्चित अवधि के रोजगार को खत्म करने, प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 200 दिन काम और 600 रुपये की दैनिक मजदूरी के साथ मनरेगा को मजबूत करने, प्रत्येक किसान परिवार को 10 हजार रुपए मासिक पेंशन देने, औपचारिक और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में सभी के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लागू करने, भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 को खत्म करने सहित केरल की तरह 13 सब्जियों की एमएसपी पर खरीद का कानून बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीकृत बैंकों के माध्यम से होम लोन की सुविधा उपलब्ध कराने, कृषि यंत्रों पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने सहित आदि मांगों को पुरा करने की मांग अखिल भारतीय किसान सभा मध्यप्रदेश, संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा की गई है। ज्ञापन देने वालों में संयुक्त मजदूर यूनियन अध्यक्ष दिनेश मालवीय मान सिंह, मोहनलाल, कल्लू कुशवाहा, महेंद्र सिंह, आजम, मंगलेश, बबलू ,मानसिंह ,गणेश राय, देबू ,प्रीतम, रामकिशन ,राजेंद्र, प्रताप आदि किसान शामिल रहे।
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