नई दिल्ली। राजपाल एंड सन्ज़ के स्टॉल पर प्रसिद्ध कवि राजेश जोशी और आरती द्वारा संपादित पुस्तक 'इस सदी के सामने' का लोकार्पण व काव्य पाठ सम्पन्न हुआ। मंच संचालन करते हुए आरती जी ने कहा कि 2000 के बाद कविता का सवाल अकसर उठता रहता है। कई रचनाकारों ने कविता के अंत की घोषणा की परन्तु ऐसा नही है 2000 के बाद के कवियों ने अपने समय की मुक़म्मल तस्वीर बनाई है जोकि इस पुस्तक में संकलित हैं। इस पुस्तक में तीन दर्जन से अधिक कवि शामिल किए हैं और प्रत्येक कवि का आत्म कथ्य व कविताएं शामिल हैं। लोकार्पण के बाद संकलन के कवियों ने कविता पाठ किया। मानस भारद्वाज ने बिस्कुट खायेगा, हम कठिन वक़्त में हैं, ज़िंदा पिता की जगह, अर्चना लार्क द्वारा दो कविताओं का पाठ किया गया- औरतें, लज़ीमा लाज छोड़ो। नेहा नरुका ने कुलताबाई, विष और अनुपम सिंह ने क्यों छोड़ दूं इस शहर को, मैंने गढ़ा है अपना पुरुष का पाठ किया। अंत में मीरा जोहरी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए इस कविता पाठ को एक शाम कविता के नाम कहा।
शनिवार, 17 फ़रवरी 2024
विश्व पुस्तक मेला में "इस सदी के सामने" पुस्तक का हुआ लोकार्पण व काव्य पाठ
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