सौर पर गौर
एक अभूतपूर्व कदम में, सरकार ने रूफटॉप सोलराइजेशन के माध्यम से 10 मिलियन परिवारों को मासिक रूप से 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके सशक्त बनाने की योजना बनाई है। वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्रतिष्ठा के प्रधानमंत्री के संकल्प से प्रेरित इस पहल से परिवारों को सालाना ₹15,000-18,000 तक की बचत होने की उम्मीद है। अधिशेष बिजली वितरण कंपनियों को भी बेची जा सकती है, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापक ऊर्जा ग्रिड के लिए दोहरा लाभ होगा।
'नेट ज़ीरो' भविष्य के लिए ग्रीन एनेर्जी
साल 2070 तक 'नेट ज़ीरो' का लक्ष्य प्राप्त करने की सरकार की प्रतिबद्धता इस बजट के ग्रीन एनेर्जी उपायों के केंद्र में है। एक गीगावाट की प्रारंभिक क्षमता के लक्ष्य के साथ, वायाबिलिटी गैप फंडिंग ओफ़्फ़्शोर विंड एनेर्जी या अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता की स्थापना में मदद करेगी। इसके साथ साल 2030 तक 100 मिलियन टन की कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता की स्थापना का लक्ष्य प्राकृतिक गैस, मेथनॉल और अमोनिया के आयात की ज़रूरत को कम करेगा। परिवहन के लिए कम्प्रेस्ड नैचुरल गैस और घरेलू उद्देश्यों के लिए पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) में कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के अनिवार्य मिश्रण को चरणबद्ध किया जाना है। बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी के लिए वित्तीय सहायता सरकार की ऊर्जा विविधता के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर देती है।
दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक व्हीकिल्स
एमिशन को कम करने में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, सरकार ईवी पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार और मजबूत करने के लिए तैयार है। सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के लिए ई-बसों को अधिक से अधिक अपनाने को प्रोत्साहित करने के साथ साथ सरकार विनिर्माण और चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के लिए समर्थन भी दे रही है। मार्च 2023 तक देश में 6,586 चार्जिंग स्टेशन थे। यह कदम सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की कमी को दूर करते हुए सरकार की दूरंदेशी रणनीति दिखाता है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ सरकार के रणनीतिक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं। मर्कडोस एनर्जी मार्केट्स इंडिया के पार्टनर मोहित गोयल बजट के हाइब्रिड दृष्टिकोण की सराहना करते हैं। "बजट विविध ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने पर केंद्रित है, जिसमें जीवाश्म ईंधन और स्वच्छ ऊर्जा दोनों शामिल हैं। यह बायोमास के लिए सहायक उपायों के साथ-साथ अपतटीय पवन और कोयला गैसीकरण के लिए वायाबिलिटी गैप फंडिंग की बात भी करता है। एक संतुलन बनाते हुए, सरकार उपभोग पक्ष के लिए क्लीन एनेर्जी को अपनाने को प्राथमिकता देती दिखती है। यह प्रतिबद्धता रूफ टॉप सोलर स्थापित करने और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से स्पष्ट है। बीते दशक में भारत ने फोस्सिल फ्यूल से क्लीन एनेर्जी का रुख करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।” क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला, बजट की नेट-ज़ीरो ग्रीन इकॉनमी के लिए मजबूत इरादों की सराहना करती हैं। वह कहती हैं, "वित्त मंत्री का अंतरिम बजट भाषण न सिर्फ नेट ज़ीरो ग्रीन इकॉनमी के निर्माण के लिए सरकार के मजबूत इरादे का संकेत देता है, बल्कि आगामी बजट से क्या उम्मीद की जाए, उसकी एक साफ तस्वीर दिखाता है।" क्लाइमेट ट्रेंड्स के ईवी उद्योग पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञ अर्चित फुरसुले ने चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ाने पर बजट के फोकस की सराहना की। वो मानते हियन कि यह भारत के ईवी परिदृश्य को नया आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका कहना है, “उद्देश्य चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ा कर एक समर्पित निवेश के साथ इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। यह भारत के ईवी परिदृश्य को नया आकार देने, गाड़ी की रेंज की चिंता को दूर करने और भविष्य के लिए व्यावहारिक और टिकाऊ परिवहन समाधान के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैरवी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम दिखता है। बॉम्बे चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के डॉ. विनोद चोपड़ा, विभिन्न क्षेत्रों पर बजट के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार करते हैं, निर्यात और व्यापार करने में आसानी के लिए मजबूत नीतियों की आवश्यकता पर जोर देते हैं। "सरकार ने वास्तव में पिछले 10 वर्षों में इस दिशा में एक अभूतपूर्व प्रदर्शन का प्रदर्शन किया है। कुल मिलाकर यह एक यथार्थवादी, समेकित और टिकाऊ अंतरिम बजट है।"
चलते चलते
जैसे-जैसे भारत एक अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ रहा है, यह अंतरिम बजट पर्यावरण के प्रति जागरूक विकास के लिए एक मजबूत आधार स्थापित करता है। एक संतुलित और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा भविष्य की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए, बजट न केवल वर्तमान चुनौतियों से निपटता है, बल्कि भारत को जलवायु कार्रवाई में एक वैश्विक नेता के रूप में भी स्थापित करता है।
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