सीहेार : गुप्त नवरात्रि के छठवे दिन मां कात्यानी की पूजा अर्चना की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

सीहेार : गुप्त नवरात्रि के छठवे दिन मां कात्यानी की पूजा अर्चना की

Sehore-navratri
सीहेार। शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में इन दिनों हर साल की तरह इस साल की गुप्त नवरात्रि का पर्व आस्था के मनाया जा रहा है। इस मौके पर श्रद्धालुओं के द्वारा पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की जा रही है, वहीं यहां पर साधकों के द्वारा मां दुर्गा का पाठ किया जा रहा है। गुरुवार को मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, गोविन्द मेवाड़ा, ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश शर्मा और मनोज दीक्षित मामा के मार्ग दर्शन में मां कात्यानी की विशेष पूजा अर्चना की गई। पंडित श्री शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के छठे दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। इनकी उत्पत्ति या प्राकट्य के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें बताई गई हैं। मां कात्यायनी देवी दुर्गा का ही छठा रूप है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी। वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इक_ा किया और कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया। जो देवी पार्वती द्वारा दिए गए सिंह पर विराजमान थी। कात्यायन ऋषि ने रूप दिया इसलिए वो दिन कात्यायनी कहलाईं और उन्होंने ही महिषासुर का वध किया। माता कात्यायनी की पूजा प्रदोषकाल यानी गोधूली बेला में करना श्रेष्ठ माना गया है। शैलपुत्री सहीत अन्य देवियों की तरह इनकी भी पूजा की जाती है। इनकी पूजा में शहद का प्रयोग जरूर किया जाना चाहिए, क्योंकि मां को शहद बहुत पसंद है। शहद युक्त पान का भोग भी देवी कात्यायिनी को लगता है। देवी कात्यायनी की पूजा में लाल रंग के कपड़ों का भी बहुत महत्व है। माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यन्त दिव्य, चमकीला और प्रकाशमान है। माता की चार भुजाएं हैं। माताजी के दाहिने ओर का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुसज्जित है। माता जी का वाहन सिंह है। देवी कात्यायनी की पूजा करने से भक्तजनों में शक्ति का संचार होता है और वो इनकी कृपा से अपने दुश्मनों का संहार करने में सक्षम हो पाते हैं। इनकी पूजा से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं। मां कात्यायनी की पूजा से अविवाहित लड़कियों के विवाह के योग बनते हैं और सुयोग्य वर भी मिलता है। देवी कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप, भय आदि का नाश हो जाता है। देवी कात्यायनी की पूजा करने से हर तरह का भय भी दूर हो जाता है।

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