माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। पंचाग के अनुसार इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत शनिवार से हो रही है। वहीं इसका समापन रविवार 18 फरवरी को होगा। गुप्त नवरात्रि शनिवार से 18 फरवरी तक पूरे 9 दिन रहेगी, गुप्त नवरात्रि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक चलती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है, तंत्र मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि बेहद खास होती है. मान्यता है कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के दौरान जो भक्त विधि-विधान और नियमों से व्रत रखता है और पूरे 9 दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करता है, मां अंबे की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस साल सोमवार से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। गुप्त नवरात्रि में 10 दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। दस महाविद्याएं मां दुर्गा का ही रूप हैं। यह दस महाविद्याएं मां काली, मां तारा, मां त्रिपुर, मां भुनेश्वरी, मां छिन्नमस्तिके, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला हैं। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है, जिसे बहुत ज्यादा कठिन माना जाता है। तंत्र विद्या में इन 10 महाविद्याओं का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में 10 विद्याओं की साधना और उपासना से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मरीह माता मंदिर जमीन में से निकली थी प्रतिमा
शहर के विश्राम घाट स्थित प्रसिद्ध मरीह माता मंदिर के व्यवस्थापक श्री मेवाड़ा ने बताया कि 100 से अधिक समय पहले जमीन से स्वयं मां प्रकट हुई है, जबसे हमारे परिवार और आस-पास के श्रद्धालुओं के द्वारा यहां पर हर नवरात्रि को पूजा अर्चना की जाती है। उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह पहले माता की पूजा अर्चना की जाएगी, इसके पश्चात नौ दिन तक हवन पूजन के पश्चात आरती की जाएगी। इसके अलावा महाष्टमी पर निशा पूजा का आयोजन किया जाएगा।
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