- पिछले दो दिन में साढ़े चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्राप्त किए रुद्राक्ष, रविवार को तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे कुबेरेश्वरधाम
- विश्व के दो सबसे बड़े धार्मिक स्थलों की बात करें तो पहले स्थान पर मक्का और वेटिकन सिटी के रिकार्ड को भी तोड़ेगा भक्ति का सैलाब
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इकोनॉमिक्स की दृष्टि से अगर समझें तो 25 हजार से अधिक लोग प्रतिदिन कुबेरेश्वरधाम में आते हैं और रुकते हैं, अधिकतर होटल फुल मिलेंगे। जब लोग होटल में रुकते हैं तो यहां की इकोनॉमी पर उसका असर पड़ रहा है। उसका अच्छा ग्रोथ हो रहा है। विश्व के दो सबसे बड़े धार्मिक स्थलों की बात करें तो पहले स्थान पर मक्का है। यहां हर साल 2 करोड़ लोग पहुंचते हैं। वहीं वेटिकन सिटी में हर साल करीब 90 लाख श्रद्धालु पहुंचते है, लेकिन आगामी दिनों में रुद्राक्ष महोत्सव और मंदिर परिसर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा के बाद तो हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आऐंगे। वैसे तो प्रतिदिन 20 हजार से तीस हजार श्रद्धालु आते है और छुट्टी के दिन यह आंकड़ा डेढ़ लाख के पार हो जाता है। जिससे एक साल में करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पर आते है। मंदिर परिसर के समीपस्थ ग्राम भटौनी के सरपंच प्रतिनिधि धरम सिंह मेवाड़ा ने बताया कि गुरुदेव के आशीर्वाद से धाम विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। नापली, चितावलिया, गुडभेला के अलावा क्षेत्र के तीस से चालीस किलोमीटर दूर तक तेजी से निर्माण कार्य हो रहे है। लोगों ने अपने खेतों में मकाननुमा होटल के अलावा क्षेत्र में हजारों की संख्या में ढाबे, होटल, दुकाने आदि खोल ली है। क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये बदलाव आध्यात्मिक और आर्थिक रूप दोनों ही तरह से हुआ है। पहले यहां पर रोज करीब 10 हजार श्रद्धालु आते थे लेकिन अब यहां करीब 30 से 40 हजार से अधिक श्रद्धालु रोज आते हैं। आगामी दिनों में रुद्राक्ष महोत्सव है और हम सभी ग्रामीण यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करने को तत्पर है, जो भी आदेश गुरुदेव देंगे उसका सामूहिक रूप से पालन किया जाएगा। गुरुदेव के आशीर्वाद से ग्रामीण और शहरी के अलावा आस-पास के हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।
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