नई दिल्ली। सुशील तंवर की कहानियां एक सैनिक की कहानियां हैं जिनमें कहानीपन की ऊष्मा बसी हुई है। जाने माने कथाकार मुकुल जोशी ने कहा कि इन कहानियों में प्रेम, हृदय परिवर्तन और सामाजिक सौहार्द आदि देखने को मिलता है। जम्मू और कश्मीर में रहते हुए लेखक के अपने निजी अनुभव तथा साथियों के अनुभव इन कहानियों में झलकते हैं। जोशी विश्व पुस्तक मेले में राजपाल एंड संज के स्टाल पर तंवर के कहानी संग्रह मुखबिर का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तंवर की कहानियां हिंदी कहानी का नया वितान हैं। युवा लेखक विज्ञान भूषण ने परिचर्चा में कहा कि यह सुशील तंवर जी का पहला कहानी संग्रह है। इसमें भारत का सामाजिक ताना-बाना देखा जा सकता है और सामाजिक सौहार्द बनाने में सेना की भूमिका भी समझी जा सकती है। सैनिक का उद्देश्य देश और समाज की सुरक्षा करना तो होता ही है, उसके साथ -साथ वह एक संवेदनशील व्यक्ति भी होता है जोकि इन कहानियों में हमें देखने को मिलता है। ये दिल, नया सवेरा, कोड वर्ड और चॉकलेट आदि संग्रह की मार्मिक कहानियां हैं। प्रकाशक मीरा जौहरी ने मुखबिर कहानी संग्रह के बारे में कहा कि इन कहानियों में जम्मू और कश्मीर की पृष्ठभूमि का पता चलता है। कथाकार सुशील तंवर ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह जो कहानियां हैं इन कहानियों में मैंने सेना में रहते हुए जम्मू और कश्मीर के अनुभव साझा किए हैं। इन कहानियों के सभी पात्र हमारे बीच के साथी ही हैं। सेना और स्थानीय लोगों के बीच परस्पर संबंध इन कहानियों में चित्रित किया गया है। अंत में प्रणव जौहरी ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।
शनिवार, 17 फ़रवरी 2024
"मुखबिर" पुस्तक का विश्व पुस्तक मेला में हुआ लोकार्पण व परिचर्चा
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