पटना : आज से ईसाई समुदाय का दुख भोग शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

पटना : आज से ईसाई समुदाय का दुख भोग शुरू

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आज राख बुध है.आज से ईसाई समुदाय का दुख भोग शुरू हो गया है.प्रेरितों की रानी ईश मंदिर,कुर्जी में भारी संख्या में लोग मौजूद रहे.आज सुबह साढ़े छह बजे प्रथम मिस्सा और आठ बजे द्वितीय मिस्सा अर्पित किया गया.दोनों मिस्सा के दौरान भक्तों के माथे पर पुरोहित ने राख से क्रूस का चिंह बनाया,यह एहसास दिलाया कि आप मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे.इसके आलोक में प्रभु येसु ख्रीस्त के हमराही बन जाए.  इन दोनों मिस्सा में भाग लेने वाले भक्तों के लिए क्रूस का रास्ता साढ़े तीन बजे से किया गया.उसके बाद फिर पांच बजे से क्रूस रास्ता किया गया.इसमें शामिल होने वाले को भी पुरोहित ने माथे पर राख से क्रूस से चिंह बनायी.इसके बाद पवित्र मिस्सा शुरू हुआ.मिस्सा का नेतृत्व फादर दिनेश टोप्पो ने किया.उनके नेतृत्व में फादर लौरेंस पास्कल,फादर मथियस जोशी आदि पुरोहित शामिल थे. बताया जाता है कि विश्वासियो के माथे पर राख लगाई जाती है.ख्रीस्तियों और कैथोलिक कलीसिया के लिए आज का दिन यानी राख बुधवार बड़ा महत्व का दिन होता है.कैथोलिक कलीसिया के पूजन विधि कलेंडर के अनुसार आज से उनके चालीसा की शुरूआत हो जाएगी. यह दिन पुण्य काल का द्वार है. जहां हर विश्वासी, अगले चालीस दिनों में विशेष प्रार्थना, त्याग, तपस्या, पुण्य का काम और खुद के जीवन का मूल्यांकन करते हुए यीशु ख्रीस्त के प्यार, बलिदान, दुख भोग, मरण के रहस्यों को समझ कर ईस्टर की तैयारी करते है.

  

आगे बताया गया कि माथे पर लगाए जाने वाले राख का निर्माण बीते वर्ष आशीष की गई खजूर के पत्तों से तैयार किया जाता है.मालूम हो कि प्रतिवर्ष खजूर की डालियों को आशीष, पास्का पर्व के ठीक एक सप्ताह पहले रविवार के दिन किया जाता है. जरूरत के अनुसार राख की आशीष और उसका वितरण बिना मिस्सा के भी किया जा सकता है.राख, ख्रीस्त विश्वासियों के आंतरिक पश्चाताप का बाहरी चिन्ह है. शरीर का निर्माण मिट्टी से हुआ और एक दिन यह पुनः मिट्टी में मिल जाएगा.इस राख को धारण कर ईसाई यह प्रण लेते हैं कि उपवास, प्रार्थना, पुण्य का काम और दान-धर्म के द्वारा यीशु ख्रीस्त के शिक्षा का पालन करेंगे और उसके अनुसार अपना जीवन बिताएंगे.  इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल, बिहार,पटना के महासचिव  एस.के. लॉरेन्स के नेतृत्व में चैदहवीं बार प्रभु येसु के दुखभोग (प्राण दण्ड की आज्ञा होने के उपरांत सूली पर चढ़ाये जाने तक की प्रभु येसु की कष्ट मय यात्रा ) से संबंधित ‘मुसीबत‘ नामक भक्तिमय गीत तथा प्रार्थना का धार्मिक कार्यक्रम प्रारंभ हुआ.आज सर्व प्रथम यह भक्तिमय कार्यक्रम स्वर्गीय रिचर्ड अब्राहम के निवास स्थान चश्मा सेंटर गली, कुर्जी में संपन्न हुआ।जिसमें काफी संख्या में भक्त जन शामिल हुए.इस विशेष गीत को गाने वाले मुख्य रूप से एस .के लॉरेन्स के साथ-साथ क्लारेंस हेनरी, सुजित ओस्ता,प्रदीप केरोबिन, प्रकाश अब्राहम,अलका पौल,रीता अगस्टीन, संध्या ओस्ता,सिरिल मरांडी,कमल डेविड,रोड्रिक पीटर,प्रवीण साह तथा स्वर्गीय रिचर्ड अब्राहम के परिवार के सदस्यों के अलावा काफी संख्या में भक्त जन शामिल हुए। यह भक्तिमय ‘मुसीबत‘ नामक कार्यक्रम ईसाई बहुल इलाकों तथा चर्चों में गुडफ्रायडे के दिन तक प्रत्येक बुधवार तथा शुक्रवार को कराया जाएगा.          

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