- बिहार सहित अन्य राज्यों के मेला में लगेंगे 100 स्टॉल
- बिहार के हर कोने से आए कारीगर अपने कलाकृतियों का करेंगे प्रदर्शन
मेला के माध्यम से, विभिन्न राज्यों में नाबार्ड के विकास कार्यक्रमों के तहत समर्पित ग्रामीण कारीगरों / स्वयं सहायता समूहों के सूक्ष्म उद्यम उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्रामीण उद्यमियों के साथ-साथ विभिन्न व्यापार संबंधी प्रथाओं के बारे में एसएवजी आधारित माइक्रो उद्यमों के बीच जागरूकता स्थापित करने के लिए, नाबार्ड की एक संरचनात्मक प्रयास है। मेला में 100 स्टॉल लगेंगे जिसमें जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, त्रिपुरा आदि राज्यों से त तथा बिहार के हर कोने से आए कारीगर अपने कलाकृतियों का प्रदर्शन करेंगे। भारत के हर कोने के हर कोने में बनने वाले उत्पाद जैसे कि पशमीना शाल, लाह - जूट के उत्पाद, कृत्रिम आभूषण, लकड़ी के खिलौने, पत्थरों के बने सजावटी सामान, टेराकोटा, बांस के बने उत्पाद, मसाले जूस आदि उत्पाद मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे। बिहार के मधुबनी पेंटिंग, खादी के कपड़े, जूते, चप्पल, व सिल्क साड़ियाँ, जाता सत्तू, आचार, पापड़ से लेकर सजावटी सामान, मिठाइयाँ आदि स्थानीय चीजे लोगो को बरबस आकर्षित करेंगी। मेला का समय प्रतिदिन दोपहर 11 बजे से शाम 8.30 तक होगा। मेला के दौरान हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन संध्या 5.30 से 7.30 तक होगा जिसमें बिहार राज्य के विभिन्न लोक नृत्य एवं वित्तीय जागरूकता विषयक नाटको का मंचन होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें