दिव्या विजय की डायरी "दराज़ों में बंद ज़िंदगी” पुस्तक का लोकार्पण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 10 फ़रवरी 2024

दिव्या विजय की डायरी "दराज़ों में बंद ज़िंदगी” पुस्तक का लोकार्पण

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नई दिल्ली। डायरी लेखन एक ऐसी विधा है जिससे हमें इतिहास, भूगोल, दर्शन का बोध होता है। सुपरिचित कवि कथाकार प्रियदर्शन ने विश्व पुस्तक मेले में राजपाल एंड संज द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण में कहा कि लेखिका दिव्या विजय की डायरी “दराज़ों में बंद ज़िंदगी”  की भाषा सघन है। वह अपने आस-पास के वातावरण को बहुत सहजता से व्यक्त करती हैं। कथाकार प्रत्यक्षा ने अपने वक्तव्य में कहा इसे पढ़ते समय ऐसा लग रहा था जैसे मन की कील पर घटनाओं को टाँग दिया हो। युवा लेखक आलोक रंजन ने कहा कि वह इस पुस्तक के बनने की प्रक्रिया की शुरूआत से जुड़े हैं और लेखिका ने अपनी इस डायरी में स्त्री के सभी रूपों को चित्रित किया है। राजस्थान के कथाकार जी सी बागड़ी ने इस डायरी को जीवन से भरपूर पुस्तक बताया। लेखिका दिव्या विजय ने अपने डायरी लिखने के कई रोचक प्रसंग बताये। अंत में  मीरा जौहरी ने आभार ज्ञापन में कहा लेखिका दिव्या विजय की भाषा संगीत जैसी लगती है। 

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