- दर्शन कर खुशी से झूम उठे श्रद्धालु, लगाएं हर हर महादेव के नारे
वाराणसी (सुरेश गांधी) कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में जिला प्रशासन ने रातोरात बैरिकेडिंग हटाकर दर्शन-पूजन शुरु करा दी है। इसके बाद तड़के ही पूजा के लिए लोग जुटने लगे. पूजा की शुरुआत कड़े प्रशासनिक सुरक्षा घेरे में शुरू हुई, जो जारी है। इस दौरान संत समाज के लोगों के साथ ही हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी दर्शन- पूजन किया। जबकि श्रद्धालु बाहर से दर्शन-पूजन करते रहे। इस दौरान श्रद्धालुओं की खुशी देखने लायक रही। सभी खुशी से झूम रहे थे। पूजा से पहले व्यास परिवार के साथ ही मंदिर के सेवादारों ने तहखाने की दीवारों और खंभों को सबसे पहले गंगाजल से धोया। इसके बाद 45 मिनट तक विधि-विधान से पूजा आरंभ हुई। तहखाने में भगवान गणेश, विष्णु, शिवलिंग और हनुमान जी के विग्रह के साथ रामशिला का नियमित पूजन होगा। इसके अलावा व्यासजी के तहखाने में प्रतिदिन पांच आरती होगी। गुरुवार को भोर में बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के साथ ही व्यासजी के तहखाने में भी मंगला आरती हुई। इसके साथ ही अब रोजाना तहखाने में पांच आरती की जाएगी। व्यास परिवार के पं. जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि बुधवार की रात वह तहखाने में सबसे पहले प्रवेश किए। पूजा से पहले तहखाने की दीवारों, खंभों और दीवारों पर बनी आकृतियों को गंगाजल से धोकर शुद्ध किया गया। इसके बाद अक्षत और फूल छोड़कर पूजन का संकल्प हुआ। तहखाने में क्षतिग्रस्त मूर्तियों के साथ ही दीवारों पर बनी आकृतियों का पूजन हुआ। सबसे पहली पूजा भगवान गणेश की हुई। इसके बाद भगवान शिव, भगवान विष्णु, हनुमान जी के साथ ही रामशिला का पूजन हुआ। मूर्तियों को नैवेद्य और शिवलिंग को दूध अर्पित किया गया। पूजा होने के बाद प्रसाद वितरण हुआ।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा ने पूजन को संपन्न कराया। 12ः30 बजे से आरंभ हुई पूजा 1ः25 बजे तक पूर्ण हुई। भोर में तहखाने में 3ः30 बजे पहली मंगला आरती पुजारी ओमप्रकाश मिश्र ने उतारी। इसके बाद विग्रहों की आरती दोपहर 12 बजे, अपराह्न शाम चार बजे, शाम को सात बजे और रात्रि में 10ः30 बजे शयन आरती होगी। जितेंद्रनाथ व्यास ने कहा कि हम लोग कोर्ट के निर्णय से बेहद प्रसन्न हैं। हम लोगों को पूजा करने का अधिकार मिल गया है। हमारे पूर्वजों के परिश्रम का फल अब जाकर फलीभूत हुआ है। बता दें, वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका पर ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है. जिसके बाद गुरुवार से ज्ञानवापी परिसर में आखिरकार 31 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई है. सुबह-सुबह काफी संख्या में लोग पूजा के लिए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पहुंचे। इस मामले में डीएम ने कहा कि जिला कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया गया है. विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने ब्यास जी के तहखाने में पूजा कराई. पूजा-पाठ का अधिकार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को सौंपा गया है. भारी फोर्स की मौजूदगी में श्रद्धालु व्यास तहखाने में दर्शन-पूजन काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से करवाई जा रही है. इस बीच रात में कुछ युवकों ने ज्ञानवापी की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगे साइन बोर्ड पर ’ज्ञानवापी मंदिर मार्ग’ लिख दिया. जिसकी तस्वीर वायरल हो रही है. दरअसल, वाराणसी कोर्ट के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने बुधवार (31 जनवरी) को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का फसला सुनाया था. उन्होंने जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और फैसले के 9 घंटे बाद ही लोहे के बाड़ हटा दिए गए। देर रात पूजा की शुरुआत भी कर दी गई. गुरुवार रात 12ः00 बजे भारी प्रशासन की मौजूदगी में विश्वनाथ मंदिर की तरफ से, जहां बड़े नंदी विराजमान हैं उनके ठीक सामने बैरिकेडिंग को खोलकर तहखाना पर जाने का रास्ता बनाया गया. इसके बाद शाम चार बजे पूजा के लिए व्यासजी के तहखाने का गेट आलाधिकारियों की देखरेख में कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया।
आरती का समय
मंगला- सुबह 3ः30 बजे
भोग- दोपहर 12 बजे
अपरान्ह- शाम 4 बजे
सांयकाल- शाम 7 बजे
शयन- रात्रि 10ः30 बजे
ज्ञानवापी परिसर के आसपास बढ़ी सुरक्षा, दुकानें बंद
ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाना प्रकरण में अदालत के आदेश के बाद गुरुवार की सुबह से कमिश्नरेट की पुलिस हाई अलर्ट मोड में दिखी। आला अधिकारी फोर्स के साथ सड़कों पर पैदल गश्त कर रहे हैं। व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ शुरू होने का शांतिपूर्ण विरोध भी देखने को मिला। दालमंडी, नई सड़क और हड़हा इलाके में स्थित दुकानों के शटर नहीं उठे। मदनपुरा इलाके में कुछेक जगह ही दुकानों के शटर गिरे दिखे। इस बीच दालमंडी, नई सड़क, हड़हा, मदनपुरा, बजरडीहा और लोहता क्षेत्र में पुलिस और पीएसी के जवान सुबह से देर रात तक गश्त करते नजर आए। इस बीच पुलिस ने सभी पक्षों के संभ्रांत लोगों से बातचीत कर शांति और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने में सहयोग की अपील की। इस बीच भी लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के कर्मी भी माहौल की टोह लेते नजर आए। ज्ञानवापी परिसर के आसपास के इलाकों में चप्पे- चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। साथ अधिकारी भी सुबह से नजर बनाए हुए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार के बाहर भी स्थिति सामान्य है। यहां पुलिस की टीम तैनात है। बता दें कि कोर्ट का आदेश आने के बाद सभी डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और थानाध्यक्ष को कहा गया कि वह अपने क्षेत्र में अतिरिक्त सतर्कता बरतें और सभी वर्ग के लोगों के संपर्क में रहें। कमिश्नरेट की सोशल मीडिया सेल को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर सतर्कता से नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को माहौल पर अतिरिक्त सतर्कता के साथ नजर रखने को कहा गया है। मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में विशेष रूप से सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में रहा ज्ञानवापी
ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने से संबंधित प्रकरण में अदालत का आदेश सोशल मीडिया पर भी सुर्खियों में रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के टॉप ट्रेंड में यह मामला रहा। रात 10 बजे तक हैशटैग वाराणसी कोर्ट को लेकर 12 हजार से ज्यादा पोस्ट किए गए।
सनातनी के लिए यह हर्ष का विषय : पुजारी
पुजारी माधव दत्त त्रिपाठी ने कहा कि हर सनातनी के लिए यह हर्ष का विषय है, कल की संध्या ने इतनी सुंदर लिखावट लिखी है कि आज का प्रभाव उसे स्वर्ण अक्षर में बदल चुका है. पहले हमें जाने नहीदिया गया, पर आज से मैं यहां पूजा पाठ की शुरुआत करूंगा. धूप-दीप करेंगे, आरती होगी, सृजन होगा मूर्तियों का. जो बाबा विश्वनाथ की पूजा की प्रक्रिया है वही प्रक्रिया व्यास तहखाना में भी चलेगी. व्यास परिवार बहुत सुंदर पूजा करती आई है.
देर रात खुला सुप्रीम कोर्ट, मसाजिद कमेटी ने दी चुनौती
कोर्ट के नियमित पूजा का आदेश जारी होने के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर इसे खोलने की तैयारी शुरू की गई। इसके बाद मुस्लिम पक्ष एक्टिव हुआ। ज्ञानवापी मस्जिद की संचालक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा को रोकने की मांग की गई। अहले सुबह करीब 3 बजे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई की। उन्होंने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्काल कोई राहत देने से इनकार कर दिया। मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जाने का आदेश दिया गया। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि हमें दूसरे कानूनी राहत के विकल्प आजमाने का समय मिले, इसके लिए आदेश जारी किया जाए।
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