विशेष : रामराज्य वाले यूपी बजट से योगी जीतेंगे 2024 की जंग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 6 फ़रवरी 2024

विशेष : रामराज्य वाले यूपी बजट से योगी जीतेंगे 2024 की जंग

उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये प्रस्तुत बजट रामलला और रामराज्य को समर्पित रहा। तर्क है ’’अगर हम किसी समाज और संस्कृति में उच्चतम आदर्शों की कल्पना करें तो रामराज्य की संकल्पना के बाहर नहीं जाया जा सकता है। समाज में परस्पर सहयोग एवं विश्वास और न्याय आधारित सुशासन को रामराज्य की प्रमुख विशेषताओं के तौर पर निरूपित किया जा सकता है।’’ ’’अगर कहा जाए कि आज हमारे प्रदेश का शासन कहीं न कहीं रामराज्य की अवधारणा से अनुप्रेरित है और यह सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर है, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी।’ मतलब साफ है केंद्र सरकार के अंतरिम बजट में भले ही कोई बहुत बड़ी घोषणाएं न हुई हों, लेकिन 80 लोकसभा वाली सीटों वाले यूपी में बजट ने सभी सियासी समीकरण साध लिए हैं। रामराज्य वाले इस बजट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव में यूपी की जंग जीतने की रोडमैप तैयार कर दी है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री के विजन ’सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास’ पर आधारित है। सरकार का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो ना केवल रोजगार का सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। 2016-17 में प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़ रुपए यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। आज यूपी देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। यूपी आज एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए ना तो अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया, इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित किए गए

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योगी सरकार का यह 8वां बजट है। चुनावी साल था, ऐसे में सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया। 7 लाख 36 हजार करोड़ का यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पिछला बजट 6 लाख 90 हजार करोड़ का था। बजट में न सिर्फ युवाओं, किसानों, रोजगार सृजन के जरिए बेरोजगारों और महिलाओं को साधने की कोशिश की गयी, बल्कि आम चुनाव 2024 की झलक भी दिखी। इस बजट में धार्मिक पर्यटन, कृषि विकास और इंफ्रास्ट्रकचर पर ज्यादा फोकस करते हुए अयोध्या के विकास को भी खासा ध्यान दिया गया है. अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, माँ शाकुम्भरी देवी, सारनाथ और अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास-सौन्दर्याकरण के लिए भी जोर दिया गया है। या यूं कहे पर्यटन के लिहाज से भी उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में बड़े पंख लगने वाले हैं।


फिरहाल, अयोध्या गौरवभूमि की आत्मा प्रभु श्रीराम का नाम लेकर इन्हीं शब्दों के साथ न केवल योगी सरकार ने बजट 2024-25 को विधानसभा में पेश किया, बल्कि पूरे भाषण के दौरान बार-बार प्रभु श्रीराम और अयोध्या का उल्लेख होता रहा। नव्य-भव्य व दिव्य अयोध्या धाम के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने का कार्य कर रही योगी सरकार ने संपूर्ण अयोध्या मंडल में विकास के नए अध्याय की नींव बजट भाषण में रखी। खास यह है बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये (24,863.57 करोड़ रूपये) की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं. प्रदेश सरकार के बजट में महिला, युवा, किसान और पर सर्वाधिक जोर दिया गया है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बजट से विकसित भारत संकल्प यात्रा की तरह यूपी को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है. देखा जाएं तो योगी सरकार द्वारा वार्षिक बजट 2024-25 में अयोध्या धाम समेत पूरे मंडल के विकास का जो खाका खींचा गया है उसके केंद्र में अयोध्या में पहुंच मार्गों के विस्तार व सौंदर्यीकरण, पर्यटक-जन सुविधाओं के विकास समेत महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल रहीं। कहा जा सकता है जिस तरह से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिए बजट आवंटित किया है, उससे विकास की रफ्तार और तेज होनी तय है। इस बजट में उन सभी लोगों के लिए वह सब कुछ है, जो एक राज्य को आगे बढ़ाने में सबसे आवश्यक होता है. इस बजट में किसानों से लेकर महिलाओं, युवाओं और गरीबों को कुछ इस तरह से साधा गया है, उससे साफ होता है कि 2024 की जंग जीतने का खाका खींचा गया है।


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यह बजट प्रधानमंत्री मोदी की ’चार जातियों’ के लिहाज से सियासी तौर पर मजबूत माना जा रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री की ओर से जिन-चार जातियों का उल्लेख हाल में किया गया, उसमें किसान, महिला, युवा और गरीब शामिल हैं। किसी भी देश या राज्य को आगे बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण होती है। आर्थिक संसाधन को बढ़ाने के लिए किया जाने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहद महत्वपूर्ण है। योगी सरकार ने इन बिंदुओं पर ध्यान देते हुए मजबूत बजट आवंटित किया है। पर्यटन के नजरिए से उत्तर प्रदेश पूरी दुनिया में आने वाले वक्त में और महत्वपूर्ण स्थान पर पहुंचने वाला है, इसलिए सरकार ने उसे भी ध्यान में रखकर पूरा डेवलपमेंट का खाका तैयार किया है। इसमें स्वास्थ्य के लिहाज से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए तकरीबन साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की व्यवस्था बनाई गई है। इससे गरीब, युवा किसान, महिलाओं और मजदूरों को फायदा होगा। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया था। इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया जो अयोध्या के वैभव को साकार करने का माध्यम बन रहा है। इतना ही नहीं, प्रभु श्रीराम के उत्तम चरित्र को जीवन में ढालने व उससे प्रेरणा लेने के लिए भी वित्त मंत्री ने आम जनता से अपील की। इस बजट में प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का लक्ष्य पाने का पूरा खाका तैयार किया गया है। प्रदेश सरकार ने युवाओं और प्रोफेशनल ट्रेनिंग करने वालों के माध्यम से इसे अपनाने का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए आईटीआई जैसे प्रशिक्षण संस्थानों को बेहतर करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए टाटा जैसी प्रमुख संस्थाओं के साथ समन्वय किया गया है। इस तरह की व्यवस्था से न सिर्फ छात्रों को रोजगार मिलेगा बल्कि उनका भविष्य भी बेहतर होगा।


कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की गयी है। ‘राज्य कृषि विकास योजना’ के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान है. दूसरी विश्व बैंक समर्थित ‘यूपी एग्रीज योजना’ के लिए भी 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. तीसरी योजना प्रदेश के विकास खंडो एवं ग्राम पंचायतों में स्वचालित मौसम केंद्र तथा स्वचालित वर्षा मापी यंत्र स्थापित करने से जुड़ी है जिसके लिए 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. 50 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना भी शुरू की जा रही है. इसके अलावा किसानों के निजी ट्यूबवेल को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 2,400 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है. यह राशि चालू वित्त वर्ष में उपलब्ध कराए गए बजट से 25 प्रतिशत अधिक है.‘पी.एम. कुसुम योजना’ के क्रियान्वयन हेतु 449.45 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित है जो वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में दो गुना है. इस बजट में योगी सरकार ने अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के बाद शहर के विकास के लिए अपना खजाना खोल दिया है. अयोध्या में ’महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम’ के विस्तार के लिए योगी सरकार ने 150 करोड़ रुपये का बजट रखा है. हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए जमीन की जो जरूरत होगी उसके लिए बजट में 1100 करोड़ की व्यवस्था की गई है.इसके अलावा सरकारी आर्युवेदिक कॉलेज बनाने का भी फैसला लिया है. राजकीय आयुष महाविद्यालयों और अस्पतालों में औषधियों की समुचित व्यवस्था भी की जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य और पर्यटकों-श्रद्धालुओं की संख्या में संभावित बढ़ोतरो की देखते हुए मंदिर की तरफ जाने वाले 3 सड़कों का चौड़ीकरण, सौन्दर्याकरण का कार्य किया जाएगा. इसके अलावा 6 स्थानों पर पार्किग और जन सुविधाओं का भी विकास कार्य किया जाएगा. अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय रामायण और वैदिक शोध संस्थान के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव इस बजट में रखा गया है. उत्तर प्रदेश में साल 2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 37 करोड़ 77 लाख और विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 43 हजार है.


सच में बदलते योगी आदित्यनाथ के दावे

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मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व बैंक के द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाट (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय अनुशासन का भी है। पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट को पुनर्जीवित किया गया है। ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गरीब कल्याण, महिला सशक्तीकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए बजट में किए गए महत्वपूर्ण प्रस्तावों की भी चर्चा की। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव शामिल है। रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन, जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 2 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन, स्पोर्ट साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना, 22 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में डेवलप किया जाना भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं। सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है। 46 साल बाद प्रदेश के अंदर नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा। यूपी में स्पिरिचुअल टूरिज्म जिसमें अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिष, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरिडोर की थीम पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, प्रयागराज में कुंभ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। “आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के लिए धनराशि की व्यवस्था, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, कृषि के प्राथमिक सेक्टर में किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना भी प्रस्तावित है। प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना हर ग्राम पंचायत में की जाएगी।“ मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के नामकरण का ये अमृतकाल है, ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सरकार ने ग्रीन बजट की अवधारणा को सार्थक करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई है। ग्रीन टैगिंग करने के मामले में यूपी पहला राज्य होगा। हमारी बजट प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। हमारा बजट थिंक बजट भी है। ये माताओं, बहनों, बेटियों के कल्याण पर आधारित बजट है। ये बजट प्रदेश के समग्र संकल्पनाओं को पूरा करने वाला है। “2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। तुलसीदास जी के शब्दों में ’एही महं आदि मध्य अवसाना, प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना’ यानी बजट के शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं। बजट के विचार, और इसके संकल्प में श्रीराम हैं।“






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