- एम्स भोपाल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग का स्थापना दिवस
सीहोर। एम्स भोपाल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग का स्थापना मनाया गया। इस अवसर पर विभाग द्वारा इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और भ्रूण स्थानांतरण (ईटी) पर एक सीएमई का भी आयोजन किया गया, जिसमें आईवीएफ-ईटी और हिस्टेरोस्कोपी तकनीक का प्रदर्शन भी शामिल था। इस मौके पर गोविन्द नेत्रालय स्थित गोविन्द फर्टिलिटी सेन्टर क्लीनिक में आईवीएफ इनफटिंलिटी विशेषज्ञ डॉ. अमरजीत मंधानी को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। सेमीनार के दौरान महिला डॉ. श्रीमती मंधानी ने अपने विचार रखे। इस मौके पर एम्स भोपाल से बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल थे। उन्होंने कहा कि एक इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट होने के नाते मैं यही कहूंगी कि ज्ञान ही शक्ति है। मेरा मानना है कि प्रजनन परीक्षण अधिक सुलभ होना चाहिए और एडल्ट्स खुद को इस बारे में शिक्षित करें। इसके बारे में जानें। हालांकि, गर्भावस्था और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज की रोकथाम के बारे में जागरूकता में वृद्धि तो हुई है पर अब समय आ गया है कि आप अपनी फर्टिलिटी के बारे में भी जागरूक हों। जब आप अपने फर्टाइल दिनों के बारे में, अपनी रिप्रोडक्टिव साइकिल के बारे में जानेंगी, तभी ज्ञान ही शक्ति है जैसे वाक्य सार्थक होंगे। एग और स्पर्म बैंकिंग जैसे विकल्पों के बारे में जानें और पढ़ें। हेल्थ सेक्टर और समाज से मेरा यही विनम्र निवेदन है कि दूसरों को जज करना बंद करें और सुनना शुरू करें। जैसे आप पेट दर्द या बुखार में डॉक्टर से मेडिकल हेल्प लेते हैं। वैसे ही इनफर्टिलिटी के लिए मेडिकल हेल्प लेना भी तमाम वर्जनाओं और शर्म से मुक्त होना चाहिए।
एक महिला के लिए, इनफर्टिलिटी सामाजिक बहिष्कार के साथ आता है। कभी-कभी तो इस वजह से तलाक, लो सेल्फ-वर्थ, मानसिक विकार और यहां तक कि आत्महत्या जैसी स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं। दरअसल, समस्या यह है कि इनफर्टिलिटी एक ऐसी चीज है जिसके बारे में बहुत से लोग तब तक नहीं जानते, जब तक कि वे सीधे तौर पर इससे रूबरू नहीं होते। वहीं जब वे इसका सामना करते भी हैं, तो इसे ऑटोमेटिकली महिलाओं की समस्या मान लिया जाता है। हालांकि कुछ रिसर्च अलग कहानी बयां करती हैं। सभी इनफर्टिलिटी के मामलों में, 40 प्रतिशत पुरुषों को, 40 प्रतिशत महिलाओं को और 20 प्रतिशत दोनों पुरुष और महिलाओं को इस समस्या का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कई सारे कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या के लिए मदद मांगने से हिचकिचाते हैं। आईवीएफ, आईयूआई जैसे लोकप्रिय इनफर्टिलिटी प्रोसीजर्स को अब भी वर्जित माना जाता है। बहुत से लोग दवा और विज्ञान के ऊपर घरेलू उपचार और हैक्स की मदद लेना पसंद करते हैं और अक्सर अपना कीमती समय गंवा देते हैं। मैंने मेरे क्लिनिक में आने वाले कई लोगों में असफलता की एक निराधार भावना देखी है। हालांकि, काउंसलिंग के जरिए, मैं अपने मरीजों में फैक्ट्स और विज्ञान की समझ पैदा कर, अपने छोटे-छोटे तरीकों से इससे जुड़ी रूढिय़ों को चुनौती दे रही हूं।
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