- सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक दर्जन से अधिक जोड़ों ने लिए सात फेरे
उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं। किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं है। इस बात का प्रमाण है कि आज हर छोटे-बड़े जिलों, कस्बों या शहरों में कई वैवाहिक संस्थाएं मिलजुकर सैकड़ों कन्याओं के हाथ सामूहिक विवाह के माध्यम से पीले कर रही हैं। जिनमें से कुछ सर्वजातीय वैवाहिक समितियां तथा कई सजातीय संस्थाएं क्रमश: सभी जातियों के तथा अपनी जाति के सामूहिक विवाह में सक्रिय हैं। ये संस्थाएं विवाह जैसे सामाजिक पुण्य कार्य में अपनी सराहनीय भूमिका निभाती हैं। प्रशंसनीय बात यह भी है कि अब इन सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रमों में अपेक्षाकृत अच्छी संख्या देखी जा रही है। इसके लिए जरूरी है कि समाज का बड़ा वर्ग भी इसमें सम्मिलित हो ताकि कोई भी जरूरतमंद व कमजोर परिवार अपनी नजरों में हीन व हास का पात्र न महसूस करे। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ मनोहर लाल महेश्वरी सिलाई कला बोर्ड अध्यक्ष, मांगीलाल सोलंकी, सुरेश चंद महेश्वरी, सिलाई कला बोर्ड सदस्य पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रिंस राठौर, श्याम दयाल मेहता श्री दामोदर वंशीय जूना गुजराती दर्जी समाज, सीहोर अध्यक्ष श्री दामोदर तरूण संघ अध्यक्ष मनोज मकवाना, दामोदर वंशीय सहकारी सहकारी साख सोसाइटी, सीहोर अध्यक्ष बाबूलाल महेश्वरी, श्री रुकमणी महिला मण्डल, सीहोर अध्यक्षा श्रीमती अनीता गोयल, श्री तरुण फैंस क्लब, सीहोर अध्यक्ष विनित गोयल, रामगोपाल आर्य, गणेश प्रसाद मकरिया, भोला प्रसाद महेश्वरी, महेश राठौर, रामचंदर महेश्वरी, रामदयाल मेहता, मुकेश बरखेड़ी, डॉ कैलाश जी सोलंकी, मनीष राठौर, श्री महेश राठौर, श्री अशोक गांधी, श्री कैलाश चावड़ा कोठरी वाले, श्री ओमप्रकाश सिसौदिया, श्री रवि महेश्वरी, श्री भगवान दास मकरियां, श्री अशोक सिसौदिया, श्री ओमप्रकाश महेश्वरी, श्री दिलीप परिहार, श्री दिनेश महेश्वरी, श्री उमेश चावड़ा, श्री देवीप्रसाद महेश्वरी, श्री महेश महेश्वरी पप्पू भैया, श्री मनमोहन परमार, श्री मनोज परिहार आदि उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें