- कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
कार्यक्रम के दौरान केंद्र के कुलदीप कुमार द्वारा गेंहू एवं सब्जियों में लगने वाले विभिन्न रोग व्याधि के बारे में विस्तार से बताया गया तथा यांत्रिक विधियों जैसे येलो स्टिकी, ब्लू स्टीकी, फेरो मैन ट्रैप, फल मक्खी जाल, लाइट ट्रैप के उपयोग के बारे में और जैविक विधि के इस्तेमाल के विषय मे विस्तार से बताया गया । राजेश कुमार द्वारा ट्राईकोडर्मा से बीज उपचार का प्रदर्शन ,चूहे का प्रकोप एवं नियंत्रण और फॉल आर्मी बर्म के प्रबंधन, मित्र एवं शत्रु कीटों की पहचान के बारे मे तथा कीटनाशकों के लेवल एवं कलर कोड के बारे में तथा भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा विकसित किए गए एनपीएसएस ऐप के उपयोग एवं महत्व के विषय में बताया गया। केंद्र के संदीप कुमार द्विवेदी द्वारा नीम आधारित एवं अन्य वानस्पतिक कीटनाशक के महत्व एवं ह्यूमिक एसिड के उपयोग एवं महत्व के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के दौरान केंद्र के अधिकारियों द्वारा आईपीएम प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें आईपीएम के विभिन्न आयामों का प्रदर्शन किया गया। केंद्र के प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन किसानों को खेत भ्रमण करा कर के कृषि परिस्थितिकी तंत्र विश्लेषण के बारे में भी विस्तार से बताया एवं प्रदर्शन करके दिखाया जाएगा कार्यक्रम के दौरान केंद्र के श्री विकास कुमार रजक, तकनीकी सहायक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में 50 से अधिक प्रगतिशील किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने मे प्रगतिशील किसान दीपक कुमार सिंह एवं पवन कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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