सामाजिक एवं धार्मिक कार्य करने में रूचि रखते हैं एस के लौरेंस करते.पटना महाधर्मप्रांत के कुर्जी पल्ली में रहते हैं.इनका घर फातिमा माता सुसमाचार केंद्र के पीछे है.इसी घर में रहकर बेहतर कार्य निष्पादन करते हैं. उनके द्वारा कृत कार्य चर्चा में है. राजधानी पटना में स्थित सब्जी बाग कब्रिस्तान को 148 साल के बाद मृत ईसाइयों को दफनाने का आदेश निर्गत करवाने में सफल हो गये हैं.इस कब्रिस्तान को 1876 ईस्वी में बंद कर दिया गया था.एस के लौरेंस कहते हैं कि ईसाइयों का महान पर्व क्रिसमस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुभकामनाएं देने गये थे. लगे हाथ ईसाइयों की समस्याओं को लिखित मुख्यमंत्री को पेश किया.इसमें सब्जी बाग कब्रिस्तान का भी जिक्र था.इस पर त्वरित संज्ञान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया.उन्होंने पटना जिले के जिलाधिकारी डाॅ चंद्रशेखर सिंह को फोन पर कहा कि ईसाइयों की कब्रिस्तान संबंधी समस्या को त्वरित कार्रवाई कर निष्पादन करें.पटना जिले के जिलाधिकारी डाॅ चंद्रशेखर सिंह ने राजधानी में स्थित सभी कब्रिस्तान की जांच करवायी.दानापुर अंचल अधिकारी के द्वारा जांच करते समय खुद एस के लौरेंस और पटना महाधर्मप्रांत के विकर जेनरल फादर जेम्स जौर्ज उपस्थित रहे.जांचोपरांत जिलाधिकारी ने सब्जी बाग कब्रिस्तान में ईसाई समुदाय के मृतक के शव को दफनाने की मंजूरी दे दी है.इस तरह 148 साल के बाद कब्रिस्तान में दफनाने का अधिकार मिला.
पटना. भारत पर अंग्रेजों ने कितने साल तक शासन किया या भारत में ब्रिटिश शासन कितने साल तक चला, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका कोई निश्चित उत्तर देना कठिन है.इसका कारण यह है कि ब्रिटिश शासन की स्थापना भारत में रातों-रात नहीं बल्कि कई चरणों में हुई . फिर भी, ज्यादातर जानकार 1757 के प्लासी युद्ध को भारत के इतिहास में एक ‘टर्निंग पॉइंट’ मानते हैं और भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना की औपचारिक शुरुआत मानते हैं.इस लिहाज से देखा जाए तो भारत में ब्रिटिश शासन कुल 190 साल (1757 -1947) तक चला.इस दौरान मृत अंग्रेज ईसाइयों को सब्जी बाग कब्रिस्तान में दफनाया जाता था.इस कब्रिस्तान को 1876 ईस्वी में बंद कर दिया गया.इसका स्वामित्व बांकीपुर चर्च को दिया गया.राजधानी पटना में सब्जी बाग कब्रिस्तान. इस कब्रिस्तान में ईसाई समुदाय के मृत व्यक्तियों को दफनाया जाता था.
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