वाराणसी : काशी से पूर्वांचल में आएगी दुग्ध क्रांति, बढ़ेगा रोजगार, पीएम अमूल बनास डेयरी का करेंगे शुभारंभ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

वाराणसी : काशी से पूर्वांचल में आएगी दुग्ध क्रांति, बढ़ेगा रोजगार, पीएम अमूल बनास डेयरी का करेंगे शुभारंभ

  • पूर्वांचल के 2 लाख दुग्ध उत्पादको को अमूल से जोड़ने की तैयारी, 25 लाख लीटर मिल्क प्रोडक्शन का लक्ष्य : शंकर भाई चौधरी

Dairy-in-kashi
वाराणसी (सुरेश गांधी) बनास काशी संकुल डेयरी, करिखियांव-पिंड्रा, वाराणसी बनकर तैयार है। यह डेयरी पूर्वांचल के लिए वरदान साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 फरवरी को इस प्लांट का उद्घाटन करेंगे। दावा है कि बनास डेयरी प्लांट से न सिर्फ पूर्वांचल में दुग्ध क्षेत्र में क्रांति आएगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अलावा एक लाख से अधिक किसान और गोपालक मौजूद होंगे. अमूल बनास काशी संकुल परियोजना के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी पत्रकारों को बताया कि बनास काशी संकुल परियोजना एक ऐतिहासिक कदम है। यह प्लांट आधुनिक तकनीकी उपकरणों से लैस है और पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। दूध कलेक्शन के लिए हर गांव में दूध क्रय समिति बनाई जा रही है। यह समिति स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया के तहत दूध को खरीदेंगे। दूध कलेक्शन के लिए तय सीमा पर कंपनी की गाड़ी आएगी और दूध कलेक्ट करेगी। कंपनी साल के अंत में अपने लाभांश का कुछ प्रतिशत दूध उत्पादकों को भी भुगतान करेगी। इस परियोजना से पूर्वांचल में करीब 1346 गांव में रोजगार के रास्ते खुलेंगे। इससे फैक्ट्री में करीब 750 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और लगभग 2350 लोगों को फील्ड में रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से करीब 1 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। साथ ही पूर्वांचल के किसानों और गाय पालने वालों को भी फायदा होगा। इससे उनकी आय में दुगना इजाफा होगा।


इस प्लांट की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन है। यानी 10 लाख लीटर दूध की रोजाना जरूरत पड़ेगी। यह क्षमता भविष्य 15 लाख लीटर भी की जा सकती है। इस प्लांट के शुरू होने के बाद यूपी के 30 से ज्यादा जिलों को फायदा होगा। पशुपालकों को भी दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें दूध की कीमत भी सही मिल जाएगी। प्लांट के लिए दूध उपलब्ध कराने के लिए हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोला जाएगा। इस प्लांट में आईसक्रीम, पनीर, छाछ, दही, लस्सी और मिठाई तैयार की जाती है. इस प्लांट में बनास डेयरी ने उद्योग के मानदंडों के अनुसार स्वचालन और कम पानी की आवश्यकता वाली, ऊर्जा कुशल क्लास रेटिंग वाली हाई-टेक मशीनरी स्थापित की है। इस प्लांट में प्रति लीटर दूध के लिए पानी की खपत सामान्य से कम होगी। इस संयंत्र में हम पानी की खपत का अधिकतम प्रतिधारण और पुनः उपयोग कर सकेंगे। प्लांट के पानी का उपयोग हाउस कीपिंग, बॉयलर और प्लांट में बागवानी के उद्देश्य से किया जाएगा। बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों और दूध उत्पादकों के साथ सहयोग और संबंधों को बढ़ावा देने के लिए छात्र छात्राओं को भी ध्यान में रखा गया है। इससे विशेष रूप से उद्यमी मानसिकता के विकास में मदद मिलेगी।


फिलहाल 5 से 50 किमी की परिधि में पांच चिलिंग सेंटर खुल चुके हैं। ऐसे में 13 चिलिंग पूर्वांचल में खोले जाएंगे। एमडी संग्राम चौधरी के अनुसार फिलहाल 5 जिले के किसान इस परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इन जिलों में गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी और भदोही शामिल है। आने वाले समय में जौनपुर, आजमगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, मऊ, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर और गोरखपुर के किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही भविष्य में कंपनी में पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे अधिक दूध उत्पादन किया जा सके। इससे पूर्वांचल में दूध और दूध के उत्पादों में कमी नहीं होगी। मिलावट खोलो पर भी रोक लगेगी। बता दें, इस प्लांट का शिलान्यास 23 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने किया था। 2 साल में यह प्लांट बनकर तैयार हो गया है। यह प्लांट कखियाव एग्रो पार्क में 30 एकड़ एरिया में बनाया गया है। इसकी लागत 622 करोड रुपए है। बनास डेयरी प्लांट आने वाले समय में 70 जिलों के 7000 गांवों के किसानों और गोपालकों से दूध की खरीद करेगा. अभी पूर्वांचल में 600 से अधिक दूध की समितियां चालू हैं जिनमें 1300 से अधिक बन चुकी हैं. इस साल के अंत तक 2600 समितियां बन कर तैयार हो गई हैं. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री एवं विधायक डा. नीलकंठ तिवारी, विधायक अवधेश सिंह, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं: