- पूर्वांचल के 2 लाख दुग्ध उत्पादको को अमूल से जोड़ने की तैयारी, 25 लाख लीटर मिल्क प्रोडक्शन का लक्ष्य : शंकर भाई चौधरी
इस प्लांट की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन है। यानी 10 लाख लीटर दूध की रोजाना जरूरत पड़ेगी। यह क्षमता भविष्य 15 लाख लीटर भी की जा सकती है। इस प्लांट के शुरू होने के बाद यूपी के 30 से ज्यादा जिलों को फायदा होगा। पशुपालकों को भी दूध बेचने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें दूध की कीमत भी सही मिल जाएगी। प्लांट के लिए दूध उपलब्ध कराने के लिए हर गांव में दूध कलेक्शन सेंटर खोला जाएगा। इस प्लांट में आईसक्रीम, पनीर, छाछ, दही, लस्सी और मिठाई तैयार की जाती है. इस प्लांट में बनास डेयरी ने उद्योग के मानदंडों के अनुसार स्वचालन और कम पानी की आवश्यकता वाली, ऊर्जा कुशल क्लास रेटिंग वाली हाई-टेक मशीनरी स्थापित की है। इस प्लांट में प्रति लीटर दूध के लिए पानी की खपत सामान्य से कम होगी। इस संयंत्र में हम पानी की खपत का अधिकतम प्रतिधारण और पुनः उपयोग कर सकेंगे। प्लांट के पानी का उपयोग हाउस कीपिंग, बॉयलर और प्लांट में बागवानी के उद्देश्य से किया जाएगा। बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों और दूध उत्पादकों के साथ सहयोग और संबंधों को बढ़ावा देने के लिए छात्र छात्राओं को भी ध्यान में रखा गया है। इससे विशेष रूप से उद्यमी मानसिकता के विकास में मदद मिलेगी।
फिलहाल 5 से 50 किमी की परिधि में पांच चिलिंग सेंटर खुल चुके हैं। ऐसे में 13 चिलिंग पूर्वांचल में खोले जाएंगे। एमडी संग्राम चौधरी के अनुसार फिलहाल 5 जिले के किसान इस परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इन जिलों में गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी और भदोही शामिल है। आने वाले समय में जौनपुर, आजमगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, बलिया, मऊ, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर और गोरखपुर के किसानों को भी इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही भविष्य में कंपनी में पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे अधिक दूध उत्पादन किया जा सके। इससे पूर्वांचल में दूध और दूध के उत्पादों में कमी नहीं होगी। मिलावट खोलो पर भी रोक लगेगी। बता दें, इस प्लांट का शिलान्यास 23 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने किया था। 2 साल में यह प्लांट बनकर तैयार हो गया है। यह प्लांट कखियाव एग्रो पार्क में 30 एकड़ एरिया में बनाया गया है। इसकी लागत 622 करोड रुपए है। बनास डेयरी प्लांट आने वाले समय में 70 जिलों के 7000 गांवों के किसानों और गोपालकों से दूध की खरीद करेगा. अभी पूर्वांचल में 600 से अधिक दूध की समितियां चालू हैं जिनमें 1300 से अधिक बन चुकी हैं. इस साल के अंत तक 2600 समितियां बन कर तैयार हो गई हैं. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, पूर्व मंत्री एवं विधायक डा. नीलकंठ तिवारी, विधायक अवधेश सिंह, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा मौजूद रहे।
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