पटना : धान परती भूमि में सरसों का अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण एवं कृषि आदानों का वितरण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 27 फ़रवरी 2024

पटना : धान परती भूमि में सरसों का अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण एवं कृषि आदानों का वितरण

Patna-aggriculture-institute
पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा दिनांक 27 फरवरी 2024 को गया जिले के टेकरी प्रखंड के गुलेरियाचक ग्राम में धान परती भूमि में सरसों की फसल पर चल रहे अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण (एफएलडी) के अंतर्गत फसल को रोग एवं कीट से सुरक्षा प्रदान करने हेतु कीटनाशक, खरपतवार नाशक, फफूंद नाशक इत्यादि जैसे कृषि रसायनों के साथ साथ डीजल का वितरण किया गया । विदित हो कि यह अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास; फसल अनुसंधान प्रभाग के प्रमुख  एवं परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. संजीव कुमार तथा जलवायु अनुकूल परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. अभय कुमार के दिशा निर्देशन में गया जिले के 15 किसानों के खेतों पर किया जा रहा है। इसमें संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर कृषि संबंधित उन्नत तकनीकों की जानकारी एवं कृषि आदान प्रदान किए जाते हैं। इन कृषि आदानों एवं तकनीकी प्रदान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने में आई. सी. ए. आर. के सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर का सराहनीय योगदान रहा। आज के कार्यक्रम में उक्त कृषि आदानों का वितरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राकेश कुमार; वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक कुमार; बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के सहायक प्राध्यापक डॉ. देवेन्द्र मंडल एवं शोधकर्ता डॉ. तेज प्रताप एवं बी. पी. मौर्या की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम को किसानों के खेत पर कार्यान्वित करने में कृषि विज्ञान केंद्र, मानपुर, गया का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।

कोई टिप्पणी नहीं: