- एक छत के नीचे होंगे मछली से संबंधित सभी कारोबार, 1500 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलेगा रोजगार, 10,000 वर्गमीटर में बन रही तीन मंजिला इमारत
- फिश रेस्टोरेंट, कॉफ्रेंस हॉल, प्रोसेसिंग यूनिट, सीड्स,फीड्स, चारा, दवाएं, कोल्ड स्टोरेज, म्यूजियम समेत कई तरह की सुविधाएं होंगी
- वाराणसी मंडल में करीब 2000 मछली पालक, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से तीन हजार से अधिक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े : जिलाधिकारी
ज़िलाधिकारी निखिल टी. फुंडे ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अन्तर्गत बनने वाली यह मंडी देश की पहली अपने तरह की मत्स्य सम्बंधित क़ारोबार की अल्ट्रा मॉडल बिल्डिंग होगी। इस तीन मंजिला इमारत का निर्माण दस हजार वर्गमीटर में हो रहा जिसकी लागत लगभग 61.87 करोड़ है। जिसमें मछली का होलसेल और रिटेल मार्केट होगा। सीड्स, फीड्स, चारा, दवाएं, कोल्ड स्टोरेज, म्यूजियम और अन्य उपकरण सभी चीजें एक छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मछली पालन को लेकर दुनिया भर में चल रही नई तकनीक का प्रदर्शन आधुनिक एग्जीबिशन हॉल में किया जाएगा। बिल्डिंग में कॉन्फ्रेंस हाल भी बनेगा, जहां मत्स्य पालकों का प्रशिक्षण व सेमिनार आदि होगा।
बिल्डिंग में फ़िश प्रोसेसिंग यूनिट भी होगी। पीपीपी मॉडल पर तीसरी मंज़िल पर एक एक्सक्लूसिव फिश रेस्टोरेंट होगा। जहां फिश के कई प्रकार के व्यंजनों के स्वाद का भी आनंद उठाया जा सकेगा। मछली के आकार की इस बिल्डिंग में मछली पालन के तरीकों, मार्केटिंग, तकनीक, एक्सपोर्ट से लेकर मछली के कई प्रकार के पकवान पकाने और खाने की भी सुविधा होगी। ज़िलाधिकारी चंदौली ने बताया कि बिल्डिंग सेंट्रली वातानुकूलित होगी। ऊर्जा बचाने के लिए 400 किलोवाट का सोलर पावर भी लगाया जाएगा। सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का विशेष प्रबंध होगा। व्यापारियों और ट्रक ड्राइवरों के लिए गेस्ट हाउस भी बनाया जाएगा।
सहायक निदेशक मत्स्य रविंद्र प्रसाद ने बताया कि वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर जौनपुर में अभी करीब 2000 मछली पालक हैं, जो बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 5 हज़ार से ज्यादा परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं। इस आधुनिक मत्स्य मंडी के बनने से पूरे पूर्वांचल के मत्स्य पालकों व इससे जुड़े लोगों की परिस्थिति व आर्थिक रूप से समृद्धि में बदलाव आएगा। मंडी में 111 से अधिक दुकानें होंगी, जिसमें होलसेल सेल बिल्डिंग में 81 दुकानें और रिटेल बिल्डिंग में 30 दुकानों का निर्माण हो रहा है। इस अल्ट्रा मॉडल बिल्डिंग के बन जाने से पूर्वांचल में बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे। मत्स्य कारोबार के साथ ही किसानों की आर्थिक आय बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जाएंगे।
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