- कवियों ने कविताओं के जरिये बिखेरे मनमोहक वासंती रंग
गाजियाबाद। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर इकाई, गाजियाबाद द्वारा अवंतिका दो चिरंजीव विहार स्थित अर्वाचीन प्ले स्कूल में आयोजित वासंती काव्य संध्या में कवियों ने अपनी कविताओं के जरिये बसंत के रंग बिखेर दिये। इसका शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। अखिल भारतीय साहित्य परिषद महानगर इकाई की अध्यक्ष सुप्रसिद्ध कवयित्री डाक्टर रमा सिंह ने शारदे वंदना ‘नवगान दे माँ शारदे’ प्रस्तुत की। काव्यपाठ की शुरुआत कवयित्री सीमा सागर शर्मा ने अपने मुक्तकों से की। ‘महकती हैं दिशायें भी हवा प्यारी सुहानी है’ सरीखे मुक्तक श्रोताओं ने खूब पसंद किये। कवि संजय गुप्ता ने वीर जवानों को समर्पित अपनी रचना प्रस्तुत की। कवि कमलेश संजीदा ने ‘दहलीज’ शीर्षक कविता से सभी का प्यार पाया। कवि अजीत श्रीवास्तव ‘नवीन’ ने प्रभु श्रीराम को समर्पित दोहे पढ़े। तत्पश्चात वसंत ऋतु पर आधारित उनके दोहों ने वसंत का सुंदर चित्र उकेरा। कवि नितिन गुप्ता ने ‘मुझे प्रेम का राग सुनाया था’ गीत प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं का भरपूर स्नेह मिला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मेरठ प्रांत के महासचिव सुप्रसिद्ध कवि डाक्टर चेतन आनंद ने ‘मैं तो चुप हूँ किन्तु मेरी बोलती हैं चुप्पियां’ और ‘बोली ये साँस इक दिन पानी के बुलबुले से’ रचनाओं से वासंती काव्य संध्या को एक नई ऊंचाई प्रदान की। विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे चार्टर्ड अकाउंटेंट रवि कुमार ने मुख्तलिफ शेर पढ़कर सभी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सुप्रसिद्ध कवयित्री डाक्टर रमा सिंह ने ‘कैसे भेजूं मैं संदेश पिया बसे परदेश’ गीत प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं द्वारा बेहद सराहा गया। अर्वाचीन प्ले स्कूल के संस्थापक डॉ. लोकेश कौशिक व डॉ. शालिनी कौशिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। श्रोताओं में सुनंदा श्रीवास्तव, अशोक कुमार गुप्ता, अनुज चैधरी व राहुल कुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि अजीत श्रीवास्तव ‘नवीन’ ने किया।
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