- कोर्ट के स्टे के बाद भी दबंग कर रहे है दलित की जमीन पर निर्माण
- राजस्व मंत्री के निर्देशों के बाद भी नहीं किया जा रहा है सीमांकन
सीहोर। करंजखेड़ा का दलित परिवार न्याय के लिए सरकारी दफतरों के चक्कर काट रहा है। राजस्व विभाग की अनसुनी लापरवाही और दबंग अतिक्रमणकर्ताओं के बड़ते खौफ के चलते दलित पीडि़त परिवार ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर न्याय नही मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। क्षेत्र के दस से अधिक दबंगों ने मिलकर दलित परिवार की निजी कृषि भूमि पर अतिक्रमण कर लिया है। कोर्ट के स्टे के बाद भी दबंग बेखौफ होकर दलित की जमीन पर निर्माण कार्य कर रहे है। अतिक्रमणकार्ताओं से परेशान दलित परिवार कृषि भूमि के सीमांकन की मांग लम्बे समय से कर रहा है। राजस्व मंत्री के निर्देशों के बावजूद श्यामपुर तहसीलदार सीमांकन नहीं कर रहे है। सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे अरविंद मालवीय ने कलेक्टर के नाम दिए शिकायती आवेदन में बताया की श्यामुपर तहसील अंतर्गत ग्राम करंजखेड़ा में पिता कैलाश आत्मज गौरधन के नाम 133/6 रकबा 0.682 हेक्टैयर कृषि भूमि है। इस कृषि भूमि के सभी जरूरी सरकारी दस्तावेज भी उनके पास मौजूद राजस्व विभाग के पोर्टल में भी उक्त भूमि पिता के नाम है। इस भूमि पर माखन सिंह आत्मज देवकरण, प्रेम सिंह आत्मज देवबगस, बलदेव सिंह प्रभूलाल आत्मज भगवत सिंह, दुर्गा प्रसाद आत्मज पर्वत सिंह, राम सिंह आत्मज नन्नूलाल, ठाकुर प्रसाद आत्मज देवकरण आदि ने अतिक्रमण कर लिया है। अतिक्रमणकर्ताओं ने उक्त भूमि पर मकान बना लिए है। कोर्ट ने भी निर्माण कार्य पर स्टे देकर प्रतिबंध लगाया है लेकिन कोर्ट के निेर्दशों की अवहेलना कर अतिक्रमणकर्ता के द्वारा निर्माण कार्य रात में चोरी छुपे किया जा रहा है। अतिक्रमणकर्ताओं के द्वारा मारपीट करने और जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। हमको हमारी ही जमीन से बेदखल किया जा रहा है। अतिक्रमणकर्ताओं से हक की जमीन मुक्त कराने और अतिक्रमणकर्ताओं पर सख्त कार्रवाही करने की मांग को लेकर एसडीएम तहसीलदार और जिला पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन दिया है।
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