- जिले के 18 प्रखंडों में चलाया जा रहा है नाइट ब्लड सर्वे
- शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात में होते हैं सक्रिय
- संभावित रोगियों का पता लगाने का उचित माध्यम है नाइट ब्लड सर्वे
क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है फाइलेरिया :
डब्लूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉक्टर दिलीप कुमार झा ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। चुकी फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है इसके लक्षण आने में 5 से 15 साल तक का समय लगता है, ऐसे में लोगों को फाइलेरिया संक्रमण की पहचान के लिए नाइट ब्लड सर्वे के दौरान अपनी जांच करानी चाहिए।
सामूहिक भागीदारी से जड़ से खत्म होगा फाइलेरिया :
जिला वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने बताया सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया का उन्मूलन संभव है। इसलिये लोगों को जांच के लिये आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया एक असाध्य बीमारी है। फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को रोग का पता वर्षों बाद चलता है। तब तक बीमारी लाइलाज हो चुका होता है। शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। इसलिये नाइट ब्लड सर्वे संभावित रोगियों का पता लगाने का बेहतर जरिया है। संभावित मरीजों का पता लगाने के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित है।
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