सीहोर : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पूरे देश से शामिल होंगे छात्र एवं छात्रायें - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

सीहोर : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पूरे देश से शामिल होंगे छात्र एवं छात्रायें

  • कुलपति डॉ. मुकेश तिवारी के मार्गदर्शन में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा

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सीहोर। सफलता के उच्च शिखर को छूने का हौसला रखने वाले एवं देश विदेश के प्रतिभावान छात्र एवं छात्राओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव कल्याण हेतु केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए तैयार करने वाले एक मात्र संस्थान, श्री सत्य साईं प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, सीहोर में राष्ट्रीय विज्ञान पर्व 28 फरवरी से 2 मार्च तक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा रमन इफेक्ट की खोज के उपलक्ष्य में एनसीएसटीसी, डीएसटी भारत सरकार एवं एमपीसीएसटी भोपाल के तत्वाधान में तथा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मुकेश तिवारी के मार्गदर्शन में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 का विषय विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक है। इस अवसर पर विश्व विद्यालय द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान, पोस्टर प्रस्तुति, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं विज्ञान में करियर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विश्व विद्यालय के अनेक प्रतिभावान छात्र एवं छात्राएँ बढ़़-चढ़कर भाग लेंगें। डॉ. तिवारी ने कहा कि विगत एक दशक से हमारे विश्वविद्यालय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान हेतु अनेक छात्रों एवं छात्राओं को देश के उज्वल वैज्ञानिक भविष्य हेतु तैयार किया है। उन्होंने कहा कि हाल की वैज्ञानिक उपलब्धियों के मद्देनजर, यह रेखांकित किया जा सकता है कि पिछले 10 वर्षों में भारत का बढ़ता प्रक्षेपवक्र विश्व स्तर पर देखा जा रहा है। हम वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशनों में विश्व स्तर पर शीर्ष पांच देशों में से एक हैं, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में 2015 में 81वें रैंक से उल्लेखनीय वृद्धि दिखाते हुए 40वें स्थान पर हैं और हमारे देश की पेटेंट फाइलिंग 90,000 को पार कर गई है जो दो दशकों में सबसे अधिक दर्शाता है। विशेषज्ञ व्याख्यान में प्रमुख वक्ता एमपीसीएसटी भोपाल से विकास दीक्षित एवं विज्ञानं भारती से सहसचिव संजय सिंह कौरव रहेंगे कार्यक्रम के संजोजक डॉ. राजेन्द्र सिंह कुशवाह एवं डॉ. रश्मि द्विवेदी ने इस आयोजन की रूपरेखा तैयार कर इसे मूर्तरूप देने हेतु विश्व विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं छात्र एवं छात्राओं से इस अभिनव प्रयास में उत्कृष्ठ योगदान के लिये आग्रह किया है।

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