- कर्जा लिया 3 लाख 50 हजार, बैंक ने की 50 हजार की एफडी,मिला 3 लाख
- पीडि़त ने चुकाया 4 लाख 60 हजार, अब 3 लाख 50 हजार और मांग रहा बैंक
- फरियादी को कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचे कर्जा मुक्ति भारत अभियान ट्रस्ट के पदाधिकारी
कर्जा मुक्ति भारत अभियान ट्रस्ट जिलाध्यक्ष मूलचंद जायसवाल,जिला उपाध्यक्ष शेर मोहम्मद ने कलेक्टर प्रवीण सिंह को दिए शिकायती पत्र में बताया की जिले में प्राइवेट फाईनेस बैकों की मनमनी थमने का नाम नहीं ले रहीं है। फरियादी आष्टा तहसील के गा्रम भवंरा निवासी लकवाग्रस्त बुजुर्ग धर्म सिंह परमार पुत्र किशोरी लाल परमार ने एयू स्मॉल फाइनेस बैक से वर्ष 2018 में अपने मकान पर व्यापार करने के लिए 3 लाख 50 हजार रूपयें का लोन लिया था। जिसमें बैंक के कर्मचारीयों ने 50 हजार रू की एफ डी करावा कर जमा करवा ली थी जिस के बाद फरियादी को मात्र 3 लाख रूपयें दिया गया। जिसकी किस्त 9125 रू प्रति माह जमा की गई। फरियादी धर्म सिंह वर्ष 2022 में लकवा की बीमारी हो गई चलने फिरने कमाने से मोहताज होकर पंलग पर पड़ गया। बेटे ने पिता का इलाज कराया और बैंक की किस्ते भी जमा की। फरियादी ने बैंक को 4 लाख 60 हजार रूपरे जमा कर दिये। माह दिसंबर 2022 में उनके बेटा देवेन्द्र सड़क हादसे में घायल हो गया दोनों बाप बेटे जिन्दा लाश के की तरह है घर में पढ़ें रहे आर्थिक स्थिति खराब हो गई। एैसे हालात में एयू स्मॉल फाइनेस बैक ने कलेक्टर को परिवार की स्थिति से अवगत नहीं कराते हुए कलेक्टर कार्यालय के माध्यम से 3 लाख 50 हजार रूपये ओर मांगते हुए मकान खाली करने का नोटिस जारी कर दिया। जिला प्रशासन के द्वारा अगर पीडि़तों की मदद नही की जाती है तो उनके समक्ष आत्महत्या के अलावा कोई दुसरा रास्ता नहीं बचेगा। कर्जा मुक्ति भारत अभियान ट्रस्ट जिलाध्यक्ष मूलचंद जायसवाल,लोकेंद्र राठौर, मनोज मयूरी आदि ने एयू स्मॉल फाइनेस बैक सहित समस्त निजी फाइनेंस बैंकों कंपनियों कर्जा कर्जे के मकड़ाजाल में लोगों को फसाने वाले सूदखोरों पर सख्त कानूनी कार्रवाही करने की मांग की है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें