कविता : उड़ सके आसमान तक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 31 मार्च 2024

कविता : उड़ सके आसमान तक

उड़ सके आसमान तक, आजादी इतनी देना,

पाबंदी इतनी भी न लगाओ कि वो लड़ न सके,

अपने हक के लिए डर जाए देखकर चार लोगों को,

रखिए अपनी बेटी पर भरोसा, दीजिये उसको मौका,

नाम ऊंचा करेगी आपका, मिलेगा जो उसको मौका,

उड़ सके आसमानों में, भर सके ऊंची उड़ान,

पा ले हर अवसर, बना सके अपनी पहचान,

सही गलत के लिए, लड़ सके अपने हक के लिए,

सुनकर लोगों की बात, न रखे मन में बदनामी की डर,

रखिए भरोसा उस पर, दीजिए उसको पहचान,

फैलाना न पड़े हाथ उसको किसी के सामने,

कर सके वो खुद से शौक अपने पूरे,

बस इतना कामयाब उसको बनने देना,

उड़ सके ऊंचे आसमानों में वो।।




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हेमा रावल

गरुड़, बागेश्वर

उत्तराखंड

(चरखा फीचर)

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