कविता : मैं हूँ आपकी लाडली पापा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 3 मार्च 2024

कविता : मैं हूँ आपकी लाडली पापा

पापा आप मेरी जिंदगी हो,

देख नहीं सकती आंखो में आंसू आपके,

पापा आप परेशान न हुआ करो,

कभी काम न ऐसा मैं करूंगी,

जिससे होना पड़े आपको शर्मिंदा,

क्या बोलूं आपके बारे में पापा,

आप हो तो मैं हूँ जिंदा,

कहना बस इतना चाहती हूँ पापा,

मैं आपसे करती हूँ बहुत प्यार,

तारीफ क्या ही करूं आपकी पापा,

आपके बिना अधूरी है जिंदगी मेरी,

आपके होने से ही जिंदगी मेरी पूरी,

क्या बोलूं आपके बारे में पापा,

आपके होने से है मेरा वजूद,

आपके बिना मैं कुछ भी नहीं,

कहना बस इतना चाहती हूँ पापा,

मैं हूँ आपकी लाडली पापा।।



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भावना

छत्यानी, गरुड़

बागेश्वर, उत्तराखंड

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