वाराणसी : काशी की गलियों में गौरा संग निकले काशीपुराधिपति, भक्तों संग खेली होली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 मार्च 2024

वाराणसी : काशी की गलियों में गौरा संग निकले काशीपुराधिपति, भक्तों संग खेली होली

बाबा को ग़ुलाल अर्पित कर भक्तों ने महादेव से होली खेलने की मांगी अनुमति 

भोलेनाथ के भक्तों के कंधे पर रजत पालकी में बाबा के साथ माता पार्वती काशी विश्वनाथ धाम स्थित ससुराल पहुंचीं

Holi-in-varanasi
वाराणसी (सुरेश गांधी) धरती से आसमान तक गुलाल और गुलाब की चादर। हर-हर महादेव का जयघोष। हर आंख बाबा के राजसी स्वरूप को आंखों में बसाने को आतुर। हर हाथ बाबा की पालकी को छू लेने के लिए बेचैन। मौका था गौरा का गौना कराने काशी पहुंचे काशीपुराधिपति बाबा काशी विश्वनाथ की पालकी के स्वागत का। कांजीवरम साड़ी पहनी मां गौरा, बाबा विश्वनाथ के परंपरागत राजसी परिधान खादी, शिव व गौरा के शीश पर बंगीय देवकिरीट और अयोध्या व मथुरा के गुलाल के रंग में रंगी मां गौरा का अद्भूत रुप देखकर हर भक्त निहाल हो उठा। उन्हें अपने बीच पाकर शिवभक्तों के उल्लास का कोई ओर-छोर नजर नहीं आ रहा था। काशी की गलियां हर हर महादेव के उद्घोष और डमरुओं की गर्जना से गुंजायमान हो उठीं। भोलेनाथ के भक्तों के कंधे पर रजत पालकी में बाबा के साथ माता पार्वती काशी विश्वनाथ धाम अपने ससुराल पहुंचीं। बाबा को ग़ुलाल अर्पित करके भक्तों ने महादेव से होली खेलने की अनुमति मांगी। इसके बाद काशी की गलियों में ग़ुलाल उड़ता दिखा और पूरी काशी की फिजा में होली का रंग घुल गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां पार्वती के स्वागत के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।


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बुधवार को सायंकाल चार घंटे के लंबे इंतजार के बाद जब राजराजेश्वर चांदी के सिंहासन पर गौरा और प्रथमेश को लेकर काशी की गलियों में निकले तो उनके स्वागत में गलियां गुलाल से लाल नजर आने लगीं। काशी की इस अद्भुत होली में गजब का नजारा देखने को मिला। सड़कों पर हर-हर महादेव का जयकारा लगाते भक्तों की कतार बाबा के दर्शन को आतुर खड़ी थी। सुबह से शाम तक काशीवासी गुलाल और अबीर उड़ाते हुए भोलेनाथ के गीतों पर थिरकते रहे। पालकी जिधर से गुजरी होलियाना हुड़दंग नजर आया। बाबा के भाल पर पहला गुलाल सजाकर काशीवासियों ने होली के हुड़दंग की अनुमति ली। साथ ही काशिवासियों की होली की शुरुआत हो गई। शिवभक्तों ने अबीर- गुलाल उड़ाकर महादेव और मां गौरा का स्वागत किया। हर-हर महादेव के जयकारों से पूरे दिन काशी की गलियां गूंजती रहीं। बाबा के राजसी स्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों का रेला ऐसा उमड़ा कि गलियों में जाम लग गया। हर-हर महादेव के जयघोष से भक्तों ने त्रिपुरारी का स्वागत किया तो गुलाल अर्पित करके आशीर्वाद भी लिया। ब्रह्म मुहूर्त में बाबा की चल प्रतिमा के पूजन के उपरांत आरती के साथ ही रंगभरी के रंगारंग उत्सव का श्रीगणेश हो गया। राजसी ठाट में देवी पार्वती और गणेश के साथ चिनार और अखरोट की लकड़ी से बनी रजत जड़ित पालकी पर प्रतिष्ठित करके बाबा की चल प्रतिमा काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में ले जाई गई। बाबा के राजसी स्वरूप के दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की कतार लगी है। पूरा गर्भगृह परिसर भी गुलाब और गुलाल की लाल आभा से दमकता रहा। भगवान भास्कर की लालिमा के साथ ही शिव-शक्ति को पंचगव्य से स्नान कराकर षोडशोपचार विधि से पूजन किया गया। अनुष्ठानों का दौर शुरू हुआ तो बाबा दरबार हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। सुबह सात बजे गौना के लोकाचार आरंभ हो गया था। इसके बाद बाबा का शृंगार किया गया। पालकी यात्रा के दौरान इतना गुलाल और अबीर उड़ाया गया कि महंत आवास से मंदिर प्रांगण तक करीब 500 मीटर के बीच जमीन पर अबीर-गुलाल की परत जम गई। बाबा का सिंहासन रखने के लिए बिछाई गई हरी कालीन पहले गुलाल की बौछार से लाल हुई फिर भभूत से सफेद हो गई। शिव परिवार को मंदिर गर्भगृह में विराजमान कराकर लोकाचार निभाया गया। देर रात तक बाबा के राजसी स्वरूप के दर्शन के लिए मंदिर में भक्तों की कतार लगी रही। अयोध्या से आया गुलाल व मथुरा के जेल में कैदियों द्वारा तैयार की गई खास हर्बल अबीर भी बाबा को अर्पित की गयी। रजत पालकी पर बाबा और मां पार्वती के साथ पुत्र गणेश भी विराजमान थे।


शहनाई की गूंज के बीच भजन संध्या में झूमे श्रद्धालु

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रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा महादेव एवं मां गौरा की शोभायात्रा मंदिर परिसर में धूमधाम से निकाली गई। मां के ससुराल आगमन की ख़ुशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम में भी शहनाई बजी। पद्म श्री सुश्री सोमा घोष सहित अन्य ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या में शिवार्चनम प्रस्तुतियां की गई। बाबा के शयन आरती तक भजन, गीत, संगीत की सरिता में भक्त सराबोर दिखे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि संपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग धाम के यूट्यूब चैनल तथा फेसबुक लाइव से की गई। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन की ओर से सोशल मीडिया पर भी बाबा व मां गौरा से जुड़े कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया।


विश्वनाथ धाम पर उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम

रंगभरी एकादशी पर काशी विश्वनाथ मंदिर में लाखों भक्तों ने बाबा विश्वनाथ और माता गौरा को गुलाल अर्पित किया। सुबह से शुरू हुआ दर्शन पूजन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। गुलाल उड़ाते हुए भोले बाबा के गीतों पर थिरकते हुए श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। इस दौरान मंदिर के गेट नंबर चार पर दिन ढलने के बाद भक्तों की भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ को काबू करने में पुलिस- प्रशासन की टीम के भी पसीने छूट गए। बाबा की बरात पहुंचने से पहले ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए। बोल बम और हर हर महादेव के साथ अबीर गुलाल और फूलों की वर्षा करते हुए जब श्रद्धालु बाबा दरबार में पहुंचे तब पूरा परिसर शिवमय हो गया। श्रद्धालु परिसर में बज रहे डमरू वादन पर खूब थिरके। विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा महादेव एवं मां गौरा की शोभायात्रा मंदिर परिसर में धूमधाम से निकाली गई। भक्तों की भीड़ इस कदर रही कि मंदिर परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी।

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