आदित्य रानोलिया ने कहा कि दैनिक जागरण अखबार में कार्टूनिस्ट के रूप में मैं काम कर चुका हूं। मेरे दादा जब 84 के दंगों से जुड़ी बातें सुनाते थे तो वो दर्द मेरे मन मस्तिष्क में बैठ गया था। और उसी समय मैंने तय कर लिया था कि मैं इस सच्ची घटना पर आधारित एक सिनेमा बनाऊंगा। पिछले 4 साल पहले मैंने इसकी कहानी लिखनी शुरू की थी। जहां यह घटनाएं घटी थीं मैं वहां गया, रिसर्च किया और उन्ही लोकेशन्स पर इस फ़िल्म को फिल्माया। एक आंकड़े के अनुसार 2019 से लेकर 2021 तक लगभग 13 लाख महिलाएं और लड़कियां गुम हो गई हैं। यह सिनेमा उन तमाम के दर्द को महसूस कराएगा। सुहानी के किरदार के लिए हमने 50 से अधिक लड़कियों का ऑडिशन लिया था लेकिन प्राची बंसल के चेहरे और उनकी अदाओ में उस ज़माने की झलक और मासूमियत नज़र आई इसलिए इस रोल के लिए उनका चयन हुआ।"
अभिनेत्री प्राची बंसल ने बताया कि मैं सुहानी का किरदार निभा रही हूं जो बचपन मे दंगे के दौरान अपने मातापिता से बिछड़ गई थी और उसकी याददाश्त खो गई थी। जब उसकी याददाश्त वापस आती है, वह बड़ी ही जबाज़ जोशीली लड़की है जो पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बनती है. 15 साल एक अनजान जगह पर रहती है और हिम्मत, जोश के साथ अपने माँ बाप की खोज में निकलती है, जो एक इमोशनल और प्रेरणादायक यात्रा में बदल जाती है। द लॉस्ट गर्ल समाज में वोमेन इम्पॉर्मेंट लाएगा.इस फिल्म में सुहानी के बचपन का रोल अरोनिका रानोलिया ने निभाया है साथ ही फ़िल्म में भूपेश सिंह, पूनम जांगड़ा, रमन नासा, नवीन निशाद इत्यादि ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म का संगीत विवेक अस्थाना ने तैयार किया है, सिनेमैटोग्राफी फारूक खान ने की है, सैकंड यूनिट डायरेक्टर प्रभात ठाकुर, गीत अपूर्वा आशीष ने लिखे हैं, आवाज नेहा राजपाल और वीना जोशी ने दी है और कॉस्ट्यूम सिमी रानोलिया द्वारा डिजाइन की गई है।
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