विदित हो की वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक मधुबनी जिले के विभिन्न प्रखंडों से धावा दल के द्वारा अब तक 56 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराकर उनका पुनर्वासन लगातार कराया जा रहा है। धावा दल की टीम के द्वारा आज सदर अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्रों एवम सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में सघन जांच की गई तथा सभी नियोजको से किसी भी बाल श्रमिक को नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया। उन्होंने कहा कि आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में रहिका, राजनगर, खजौली, आंध्रा ठाढी एवं हरलाखी के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के साथ सर्वों प्रयास संस्था से हरी प्रसाद, प्रथम संस्था के प्रतिनिधि अशोक मोहिते, सदर थाना के पुलिस टीम एवं अन्य शामिल थे। श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के अलावा सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालयों में भी धावा दल संचालित किया जाएगा तथा बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजकों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मधुबनी, 12 मार्च : श्रम अधीक्षक, मधुबनी राकेश रंजन द्वारा बताया गया कि रहिका के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गोविंद कुमार के नेतृत्व में सदर अनुमण्डल क्षेत्र अन्तर्गत विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा दल की टीम द्वारा सघन जाँच अभियान चलाया गया। सघन जाँच अभियान के दौरान धावा दल की टीम द्वारा न्यू दिल्ली स्वीट्स, आरo केo कॉलेज रोड मधुबनी से 01 बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया। विमुक्त बाल श्रमिक को बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बाल गृह में रखा गया है । बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है । श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को ₹20000 से ₹50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है ।
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