पटना : मिट्टी की जांच के साथ उचित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करें किसान : डॉ. हिमांशु पाठक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 1 मार्च 2024

पटना : मिट्टी की जांच के साथ उचित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करें किसान : डॉ. हिमांशु पाठक

Soil-investigation-patna
पटना : मिट्टी की जांच के साथ उचित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करने से खेत उपजाऊ बनती है। वहीं पौधों को पोषक तत्व देने के लिए केवल रासायनिक खाद पर निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि जैविक खाद, गोबर खाद, केंचुआ खाद और जैव उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए। उक्त बातें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कृषि विज्ञान केंद्र, मांडू, रामगढ़ में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन को लेकर आयोजित प्रशिक्षण के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कहीं। महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक रांची से कृषि विज्ञान केंद्र, गौरियाकरमा में आयोजित किसान मेला में भाग लेने जा रहे थे। इस बीच उन्होंने थोड़ी देर के लिए मांडू के कृषि विज्ञान केंद्र में अपना बहुमूल्य समय दिया। उन्होंने कहा कि ज्यादा उरर्वक का प्रयोग करने से मिट्टी को नुकसान पहुंचता है। इससे उन्होंने किसानों को बचने की सलाह दी। कार्यक्रम के दौरान महानिदेशक ने किसानों को मिट्टी जांच का महत्व और सूक्ष्म पोषक तत्व के उपयोग के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने धान की खेती के अलावा किसानों को दलहनी खेती करने पर जोर दिया। साथ ही किसानों को मिट्टी जांच कराना बेहद जरूरी बताया। मौके पर भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित; राष्ट्रीय द्वितीयक  कृषि संस्थान, नामकुम रांची के निदेशक डॉ. अभिजीत कर; कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के प्रमुख डॉ. सुधांशु शेखर; डॉ. धर्मजीत खेरवार और टीवीओ डॉ.  मनोज झा मौजूद थे। अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के बीच चल रहा तीन दिवसीय प्रशिक्षण के अंतिम दिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास ने शुक्रवार को किसानों को आभासी माध्यम से प्रशिक्षण दिया। इस क्रम में उन्होंने किसानों को अधिक आमदनी प्राप्त करने के लिए समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने की बात कही। उन्होंने बताया कि धान की खेती के अलावा किसानों को दलहन, तिलहन के साथ मुर्गी पालन, बकरी पालन, सुकर पालन, मछली पालन और बागवानी की खेती करनी होगी। इससे किसानों को समय-समय पर अपने मेहनत का परिणाम मिलता रहेगा। यूं कहे तो समेकित कृषि प्रणाली किसानों के लिए एटीएम मशीन का काम करेगा। इससे किसान अपनी फसल को कभी भी अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं। कार्यक्रम में उदलू  गाँव के 35 किसानों ने भाग लिया।

कोई टिप्पणी नहीं: