वैदिक युग से बिहार विदुषियों की धरती रही है.आज भी बिहार की महिलाएँ समाज में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं.गार्गी पाठशालाओं में वंचित वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने तथा गार्गी महिला कौशल प्रशिक्षण केन्द्र में वंचित महिलाओं को कला-कौशल का निःशुल्क प्रशिक्षण देने का पुनीत कार्य कर रही हैं. ये सभी प्रयास शुद्ध मन से किए जा रहे हैं. जिनके दिल में बिहार बसता है, वे सभी बिहार को समृद्ध बनाने में तत्पर हैं.नारीत्व का सम्मान करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित है.एक नई आशा और अंतर्दृष्टि के साथ हर रोज मुझ पर यानी मेरी आयरिन ओस्ता अपने अनंत आशीर्वाद की वर्षा करने के लिए सर्वशक्तिमान ईश्वर को धन्यवाद देती है. मेरी माता उषा जोसेफ ओस्ता और पिता जोसेफ पीटर ओस्ता.जिनके कारण मैं पहले से ही इस ग्रह पर उतरते ही सशक्त थी. मेरे सबसे प्यारे पति और मेरे सबसे अच्छे दोस्त हमेशा मेरे साथ हाथ में हाथ मिलाकर चलने के लिए और जिन्होंने मुझे माँ बनने का सर्वोच्च दर्जा दिया है. महिलाएं पहले से ही ब्रह्मांड द्वारा सशक्त हैं और पृथ्वी पर कुछ विशेष लोग हैं. आईपीएस अधिकारी विकास वैभव सर को मेरे दिल की गहराई से धन्यवाद एक प्यारी आत्मा होने के लिए हमें सशक्त बनाने के लिए और हम में से सर्वश्रेष्ठ लाने के हमारे छोटे प्रयासों को स्वीकार करने के लिए आइए बिहार को प्रेरित करें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें