कानूनी जागरूकता अभियान की एक उल्लेखनीय विशेषता यह थी की, सर्वोच्च न्यायालय और पटना उच्च न्यायालय के विशिष्ट अभिवक्ता, डॉ. मौर्य विजय चंद्र और सचिव आत्मबोध के नेतृत्व में यह एक जानकारीपूर्ण सत्र रहा। आयोजन समिति में अमित कुमार, ऋषिका रानी, प्राणाली, अनुजा, कामिनी शाह, सरिता कानस्कर, मुन्नी देवी, कुमारी लक्ष्मी और रूबी शाह शामिल थे। इस अभियान में कुल 50 कलाकारों ने भाग लिया। इस सत्र में जीआई, कॉपीराइट कानून, सहकारिता संरचनाएं, और अन्य कानूनी उपायों के बारे में जानकारी साझा की गई, जिससे कलाकारों को पेंटिंग की कीमत, पेंटिंग की भुगतान या पुनः बिक्री, एजेंट्स से धन की पुनर्प्राप्ति, मधुबनी के बाहर जाने के बाद जीआई का उपयोग करने के अधिकार, अधिकारित उपयोगकर्ता होने के लाभ और योग्य कलाकारों की अनछुएपन के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस पहल के माध्यम से, आद्योपंत लीगल और आत्मबोध ने मिथिला पेंटिंग की रक्षा और प्रचार-प्रसार में योगदान करने की प्रतिबद्धता को पुनः साकार किया। कानूनी जागरूकता को बढ़ाने के द्वारा, यह अभियान मिथिला पेंटिंग कलाकारों के सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति को सुधारने और इस परंपरागत कला रूप के सतत विकास के लिए एक सतत वातावरण बनाने का उद्देश्य रखता था।
जयनगर/मधुबनी, माँ अन्नपूर्णा सेवा समिति जयनगर के तत्वाधान में मधुबनी जिले के जयनगर में आद्योपंत लीगल और आत्मबोध ने 11 मार्च, 2024 को मिथिला पेंटिंग कलाकारों के लिए एक कानूनी जागरूकता अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस परिवर्तनात्मक कार्यक्रम का उद्देश्य मिथिला पेंटिंग कलाकारों को उनकी अनूठी कला रूप के संबंध में जन जागरूकता के साथ संपूर्ण जानकारी प्रदान करना था। जैसे कि भौगोलिक संकेत (जीआई), कॉपीराइट, सहकारिता और अन्य कानूनी उपायों की जानकारी प्रदान करने के लिए किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन माँ अन्नपूर्णा महिला मंच, पटना गद्दी रोड जयनगर, वार्ड नंबर-2 में हुआ। कार्यक्रम 12 बजे से लेकर शाम 4बजे तक चली।
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