- माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में फतुहा पहुंची टीम
- दलित-गरीबों की झोपड़ियों में आग लगाने वाले अपराधियों की शिनाख्त कर गिरफ्तारी हो
माले महासचिव ने कहा कि नीतीश कुमार के सत्ता पलट के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी ने पूरे बिहार में सामंती-माफिया ताकतों को प्रोत्साहित किया है। भू-माफिया हर जगह गरीबों को बेदखल करने की धमकी दे रहे हैं। आज़ाद नगर के लोगों को भी घर खाली करने की धमकियाँ मिल रही थीं। लोग आगामी होली त्योहार से पहले बेदखली के हमले से आशंकित थे। 3 मार्च को आजाद नगर से पांच बसों में भरकर वहां के लोग पटना गांधी के मैदान में आयोजित जन विश्वास महारैली में शामिल हुए थे. 9 मार्च को अमित शाह ने पालीगंज में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भूमि अतिक्रमण करने वालों को उल्टा लटकाने की धमकी दी और अगले ही दिन आज़ाद नगर को राख में मिला दिया गया। स्वतंत्र उच्च स्तरीय जांच से ही आग लगने के पीछे की सच्चाई सामने आ सकती है। आग आजाद नगर निवासियों के जीवन के लिए एक बड़ा झटका है। राहत के तत्काल उपायों के साथ उनके लिए जमीन के पर्चे के साथ पक्का मकान व्यवस्था की जानी चाहिए। आज भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य का. धीरेन्द्र झा, विधायक गोपाल रविदास और संदीप सौरभ की एक टीम ने जिलाधिकारी पटना से मुलाकात की और उनसे पीड़ित इलाके में कैंप लगाकर अगले 5 दिन तक भोजन, पानी, शौचालय, बच्चों के लिए स्कूल और बिजली की व्यवस्था करने; प्रत्येक पीड़ित परिवार को आपदा प्रबंधन से राहत राशि का भुगतान करने; सभी गरीबों के लिए पुनर्वास हेतु पक्का मकान बनाने की गारंटी करने और उसका पर्चा निर्गत करने तथा घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. इस घटना के खिलाफ आज पूरे पटना जिला में प्रतिवाद का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.
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