- 3 मार्च की महारैली से पूरे देश में जरूरी राजनीतिक संदेश जाएगा
- अपराध कानून में संशोधन के नाम पर नौकरशाही को छूट, यूपी मॉडल थोपने का प्रयास
विधायकों को तोड़ना भाजपाई मॉडल है. कुछ को खरीद लो, कुछ को डरा दो, और जिसे खरीद या डरा नहीं सकते उन्हें मनोज मंजिल की तरह झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल की सजा करवा दो. हम ऐसे दल-बदलू विधायकों को सबक सिखाने की अपील बिहार की जनता खासकर दलित-गरीब मतदाताओं से करेंगे. देश में ऐसा कानून बने कि जो दल-बदल करना चाहते हैं, उसके पहले इस्तीफा दें. भाजपा का ही यह मॉडल है कि बिना बहस करवाए एक ही दिन में कई बिल पास करवा लो. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास है. उसी तर्ज पर बिहार में भी कल अपराध नियंत्रण में संशोधन पास करवाया गया. नीतीश कुमार ‘सुशासन’ व ‘विकास’ का क्लेम किया करते थे. विकास का दावा तो जाति आधारित गणना ने उजागर कर दिया कि किस तरह चिराग तले अंधेरा है. क्राइम का भी वही हाल है. अब उसके नाम पर नौकरशाही को छूट दी जा रही है और बिहार को पुलिस राज में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है. अभी भाजपा नीतीश कुमार को ही सामने रखकर यह सबकुछ करवा रही है, लेकिन उसकी पूरी कोशिश है कि यूपी की तर्ज पर बिहार में उसकी अपनी बुलडोजर की सरकार हो. यह बहुत बड़ा खतरा है. हम इसे मुद्दा बनाएंगे और जनता के विरोध की आवाज को संगठित करेंगे. दिल्ली में रैट माइनर वकील हसन के घर को जिस प्रकार से बुलडोज कर दिया गया, वह दिखलाता है कि यूपी से शुरू हुआ यह बुलडोजर आज कहां तक पहुंच गया है. नवंबर महीने में ही उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव कार्य के वे सबसे बड़े संगठक थे और पूरे देश ने उन्हें नेशनल हीरो माना था. आज बिना किसी नोटिस के उनका घर गिरा दिया गया. यह बेहद शर्म की बात है. पहले सबको आवास देने की बात होती थी आज बुलडोज किया जा रहा है. संवाददात सम्मेलन में पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, मीना तिवारी, वरिष्ठ नेता केडी यादव, विधायक संदीप सौरभ भी उपस्थित थे.
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