यूनिवर्सिटी के भीतरी हिस्से में विरोध प्रदर्शन के दृश्य, आपराधिक साजिश और राजद्रोह के आरोप और आतंकवाद समर्थन करते हुए कुछ युवाओं का समूह बहुत ही गहरे सवाल खड़े करता है। यूनिवर्सिटी के अंदर दो पार्टी के नेता सत्ता के लिए निरंतर संघर्ष के पृष्ठभूमि में जेएनयू की आंतरिक कार्यप्रणाली संदेह से भरी हुई लगती हैं और गहरे सवाल खड़े करती है। उर्वशी रौतेला, सिद्धार्थ बोडके, रवि किशन, पीयूष मिश्रा, विजय राज, रश्मि देसाई और सोनाली सैगल जैसी प्रतिभाओं वाले कलाकार, जेएनयू के राजनीतिक विरोधाभास और के भीतर विभिन्न गुटों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध प्रकार के किरदारों में नज़र आते हैं। निर्माता प्रतिमा दत्ता ने कहा कि फ़िल्म जेएनयू राष्ट्रवाद, सक्रियता और हमारे देश के भविष्य को आकार देने में छात्रों की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण बातचीत को एक बहुत ही मनोरंजक और सिनेमाई अन्दाज़ में दर्शकों के समक्ष उपस्थित करेगी। यह एक विवादास्पद फ़िल्म नहीं हैं यह एक जरूरी फ़िल्म हैं।
अभिनेत्री उर्वशी रौतेला ने कहा कि फ़िल्म जेएनयू का हिस्सा बनना मेरे लिए एक ज्ञानवर्धक अनुभव रहा है। मेरा किरदार छात्र सक्रियता और लचीलेपन की भावना को प्रस्तुत करता है, और मेरा मानना है कि यह फिल्म कैंपस राजनीति की जटिलताओं और युवा आवाजों की ताकत पर प्रकाश डालेगी। यह फिल्म निर्माता की जिम्मेदारी है कि वह दिखाये कि किसी शैक्षणिक संस्थान में विवादास्पद घटनाओं की वास्तविकता क्या है, लेकिन किसी भी धार्मिक या समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं, हमारी फिल्म आज के युवाओं और एक विचारधारा के दोनों हिस्सों को दिखाती है जो गलत प्रभाव में आ जाते हैं, फ़िल्म जेएनयू यूनिवर्सिटी में होने वाले हास्य, गीत और कॉलेज के यादगार पलों को मनोरंजन के साथ एक कथानक को प्रस्तुत करती हैं न कि सांप्रदायिक मुद्दों को प्रचारित करने के लिए एक विवादित फ़िल्म के रूप में । महाकाल मूवीज प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित फ़िल्म जहांगीर नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की निर्मात्री प्रतिमा दत्ता और निर्देशक विनय शर्मा हैं फ़िल्म में उर्वशी रौतेला, पीयूष मिश्रा, रवि किशन, सिद्धार्थ बोडके,विजय राज, रश्मि देसाई, अतुल पांडे, सोनाली सेगल जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता हैं। फिल्म 5 अप्रैल 2024 को सिनेमा में रिलीज होगी ।
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