मिथिला राज्य पर पीके की दो टूक, बोले मैं बिहार के एक और बंटवारे के हूँ खिलाफ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 5 मार्च 2024

मिथिला राज्य पर पीके की दो टूक, बोले मैं बिहार के एक और बंटवारे के हूँ खिलाफ

  • सामाजिक और राजनीतिक कारणों से होती है अलग राज्यों की मांग, झारखंड और बिहार के अलग होने से किसी का फायदा नहीं हुआ

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मधुबनी, जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को प्रेसवार्ता की। इस दौरान मिथिला राज्य की मांग के सवाल पर कहा कि मैं बिहार राज्य के और बंटवारे के पक्ष में नहीं हूं। ऐसी ही मांग उठाकर झारखंड और बिहार को अलग किया गया। इसका फायदा ना झारखंड को मिला और ना ही बिहार को मिला। कई बार सामाजिक-राजनीतिक कारणों से इस तरह की मांग को लोग बल देते हैं। जनता इतनी त्रस्द है कि इस भुलावे में आ जाती है। आप लोग बताइए कि झारखंड को अलग करने को लेकर जिन लोगों ने लड़ाई लड़ी, क्या वहां एसटी समाज की स्थिति सुधर गई? वहां तो कुछ सुधरा नहीं, बिहार में जो था वो भी खत्म हो गया। ऐसे में मैं अलग राज्य के पक्ष में नहीं हूं।


प्रशांत किशोर ने पत्रकारों की स्वतंत्रता पर कहा कि देश में जब कोई व्यक्ति या एक दल जब ज्यादा ताकतवर हो जाएगा, चाहे वो मीडिया हो, इलेक्शन कमीशन हो या लोकतंत्र हो उस पर दबाव रहेगा ही रहेगा। देश ने ये दौर इंदिरा गांधी के जमाने में भी देखा है। देश ने ये दौर राजीव जी के जमाने में भी देखा है और अब मोदी जी के जमाने में भी देख रहे हैं। अगर, आप कांग्रेस के समर्थक हैं या मोदी विरोधी हैं तो आप कहेंगे ईडी-सीबीआई के छापे और प्रेस की स्वतंत्रता खराब है, ऐसा पहले नहीं होता था। अगर, आप भाजपा के समर्थक से पूछिएगा तो वो कहेंगे कि इंदिरा गांधी के समय इससे भी खराब स्थिति थी। सच्चाई ये है कि जब भी देश में कोई एक दल इतना मजबूत हो जाए तो इस तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। लेकिन, मेरा अपना मानना है कि देश में जनता इतनी समझदार है और ऐसा देश में नहीं है कि कोई भी नेता और विचारधारा आके उन्हें अपने साथ कर ले और लोग दंडवत कर लें। ऊपर के लोग दंडवत कर सकते हैं, सामान्य लोग दंडवत नहीं कर सकते।

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