- आधा दर्जन से अधिक पंडाल हुए फुल, शिव पुराण को सुनने के लिए आस्थावान श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी, जनपद पंचायत ने लगाए 50 से अधिक पानी के टैंकर, अनेक समाजसेवी कर रहे पानी का इंतजाम
- शहरी विठलेश सेवा समिति ने शहर के चार स्थानों पर श्रद्धालुओं के आने के लिए कराया भोजन व्यवस्था का इंतजाम, जिला प्रशासन ने अनेक स्थानों पर पुलिस सहायता केन्द्र और स्वास्थ्य विभाग ने केन्द्रों की व्यवस्था
- आधुनिक रसोई घर से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को नुक्ति, मिक्चर, सब्जी, रोटी आदि की व्यवस्था, पहले दिन 40 क्विंटल से अधिक आटे की रोटी के अलावा नुक्ति और मिक्चर का किया वितरण
अमेरिका सहित अन्य देशों के श्रद्धालु आए
कथा के दौरान यहां पर अमेरिका से आए आस्थावान श्रद्धालु के बारे में चर्चा करते हुए पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि अमेरिका जैसे आधुनिक देश में निवास करने वाले कथा का श्रवण करने आए है, इन्होंने बताया कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे, कथा के तप और रुद्राक्ष की महिमा से अब रोग से मुक्ति मिली है। यह पंडाल में फूलों की साज-सज्जा की है, यह पहले बाबा की पौथी पर माला चढ़ाने आते थे, कुबेरेश्वरधाम के कारण इनका कल्याण हुआ। इस तरह के अनेक प्रमाण भगवान शिव की भक्ति के लिए प्ररित करते है, आपको शिव की प्राप्ति के लिए भक्ति में संपूर्ण रूप से समर्पित भाव से करना होगा।
भगवान शंकर की कृपा नहीं होती तब तक मनुष्य एक कदम भी भगवान की ओर नहीं बढ़ा सकता
श्री मिश्रा ने कहा कि जब तक भगवान शंकर की कृपा नहीं होती तब तक मनुष्य एक कदम भी भगवान की ओर नहीं बढ़ा सकता। शिव पुराण कथा कहती है जब मनुष्य मां की कोख मे होता है तो रक्त, जल में सना हुआ होता है और जब जन्म लेता है तो संसार के जितने सुख-दुख, धर्म कर्म है उनमें रमा हुआ होता है। अंतिम समय आता है तो वह भगवान का भजन करता है और प्राण छूटने पर भस्म में बदल जाता है। मनुष्य के अंतिम क्षण का समय बड़ा मूल होता है। अंतिम क्षण भक्ति में लगाओ तो शिवत्व अवश्य प्राप्त करोगे।
आज मनाई जाएगी धाम पर महाशिवरात्रि
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि इस बार की महाशिवरात्रि बहुत ही ज्यादा खास मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। प्रदोष व्रत के अलावा इस दिन और भी कई दुर्लभ योग बन रहे हैं। भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा सुबह मंदिर परिसर में बने विशाल शिवलिंग की अर्चना की जाएगी, उसके पश्चात दोपहर में एक बजे से कथा, शाम को साढ़े छह बजे कथा और रात्रि में भजन गायक प्रस्तुति देंगे।
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