- मुस्लिम पक्ष ने की है पूजा रोकने की अपील
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर इन याचिकाओ में ज्ञानवापी मस्जिद की जगह मन्दिर की बहाली की मांग के मुकदमे को सुनवाई लायक मानने (ऑर्डर 7 रूल 11) के निचली अदालत के फैसले के साथ साथ एएसआई सर्वे की इजाजत को भी चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जब सुनवाई चल रही थी, तभी मुस्लिम पक्ष की तरफ से हुजैफा ने कहा कि ये पुराना वाला मामला है. बाकी याचिकाएं लिस्ट नहीं हुई हैं. इसलिए उन्हे भी एकसाथ सुना जाए. इसके बाद हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने की मांग की. इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष की मांग से सहमति जताई और कहा कि हम मूल विवाद की मेंटेनिबिलिटी के सभी याचिकाओं को एकसाथ ही सुनेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी. बता दें कि ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर हुई. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से शीर्ष अदालत में एक कैविएट याचिका भी दाखिल कर दी गई है, जिसमें कहा गया था कि अगर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आता है तो उसका पक्ष भी सुना जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा जारी रखने का आदेश दिया था. ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति समेत अन्य मुस्लिम पक्षकारों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें स्वामित्व की मांग वाली मुस्लिम पक्ष की पांचों याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि पूजा स्थल अधिनियम-1991 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
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