- रेलवे बोर्ड द्वारा 700 दुकानों के किराये में हुई 400 गुना वृद्धि से आहत है व्यापारी, व्यापारी नेता अजीत सिंह बग्गा की चेतावनी बढ़ा किराया वापस नहीं लिया गया तो पूरे शहर में होगा उग्र आंदोलन
- आरोप 3 साल पहले जिन दुकानदारों का किराया 1200 रुपये था, अब उनसे 32000 रुपये वसूले जाने की नोटिस दर नोटिस भेजी जा रही है
योगिता तिवारी ने बताया कि बरेका के इस फैसले से वाराणसी व्यापार मंडल से संबंद्ध बरेका व्यापार मंडल अपना आंदोलन तेज करेगा। उनका आरोप है कि बरेका प्रशासन ने दुकानदारों को लाखों रुपए के बिल थमा दिए हैं। जबकि 3 साल पहले जिन दुकानदारों का किराया 1200 रुपये था, अब उनसे 32000 रुपये वसूले जाने की नोटिस दर नोटिस भेजी जा रही है। बरेका प्रशासन के इस अड़ियल एवं तानाशाही रवैये से न सिर्फ व्यापारियों के लिए दुकानदारी घाटे का साबित हो रहा है, बल्कि उनके घर-परिवार के लोग मानसिक उत्पीड़न के भी शिकार हो रहे हैं। धरना प्रदर्शन में बरेका संरक्षिका योगिता तिवारी, संरक्षक सदस्य अखिलेश पाठक, बरेका अध्यक्ष रमेश सिंह, राजेश सिंह महिला मंडल प्रिया अग्रवाल, मनीष गुप्ता महामंत्री संजय निरंकारी युवा अध्यक्ष सत्यप्रकाश, राजीव वर्मा, साहेल कुरैशी, चांदनी पूर्वाचल अध्यक्ष सोनी खान, विश्वनाथ दूबे, रमेश भारद्वाज, रवींद्र जायसवाल, ओमप्रकाश राजभर, महामंत्री बरेका राजनारायण सिंह, समाजसेवी प्रतिभा सिंह एवं हिमाशु गुप्ता आदि के साथ भारी संख्या में महिला एवं पुरुष दुकानदार शामिल रहे। अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि देश की अच्छी चल रही मोदी योगी की सरकार को बदनाम करने का कार्य बरेका के अधिकारी कर रहे हैं। जबकि सरकार गरीबों को रोजगार देने का कार्य कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन में ऐसा कोई आदेश नहीं है जिसका हवाला देकर ये एक साथ किराये में 400 गुना वृद्धि कर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। इसके चलते भारी संख्या में महिलाएं आज कामकाज छोड़कर धरने पर बैठने को मजबूर हैं। दकानदारों की इस पीड़ा से आहत वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने दो टूक में बरेका प्र्रशासन को चेताया है कि यदि शीघ्र ही बढ़ी हुई दर वापस नहीं लिया गया तो अफसरों के खिलाफ आर पार की न सिर्फ लड़ाई होगी, बल्कि सड़कों पर भी उतरा जायेगा। इस दौरान जो भी क्षति होगा, उसके लिए बरेका प्रशासन जिम्मेदार होगा। बग्गा ने कहा कि बरेका ने मनमर्जी से किराए में वृद्धि कर दी है, जिसे दे पाना दुकानदारों के वश से बाहर है। खास यह है कि कारोबारी बढ़े हुए किराए को लेकर कई बरेका प्रशासन से कई बार शिकायतें कर चुका है, बावजूद इसके उन्हें आश्वासन की घुट्टी पिलायी जा रही है। जबकि बरेका की ओर से जारी किए बिलों में कई खामियां भी हैं, जिन्हें लेकर वे डीआरएम से भी बात कर चुके हैं लेकिन वहां से भी कोई राहत मिलती नजर नही आ रही है।
मास्टर सुर्कुलर के आधार पर किराए में वृद्धि : राजेश
जनसंपक अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पहले बरेका गुमटी मार्केट दुकानों के किराए की गणना आधार वर्ष 1986 भूमि सर्कल दर के अनुसार की जा रही थी। वर्तमान में दुकानों के दर की गणना 2022 में रेलवे भूमि के प्रबंधन के लिए जारी मास्टर सर्क्युलर के दिशानिर्देश अनुसार किया जाना है। मास्टर सर्क्युलर के दिशानिर्दशो के अनुसार दुकानों के दर की गणना हेतु आधार वर्ष 2019-20 के भूमि सर्किल रेट के अनुसार किया जाना है। संशोधन के बाद भी 104 वर्गफीट क्षेत्रफल वाली दुकानों का मासिक दर मात्र 2125 रुपये प्रति माह है। किराए की गणना रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देश पर आधारित है जो पूरे भारतीय रेलवे पर लागू होता है।
बरेका प्रशासन की तानाशाही क्षम्य नहीं : बग्गा
अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि बरेका अधिकारियों द्वारा दुकानों की पैमाइश भी गलत ढ़ंग से की जा रही है और हर साल दुकानदारों से बढ़ा हुआ किराया लिया जा रहा है। बग्गा ने कहा कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और व्यापारी उनके एक आह्वान पर कुछ भी करने के लिए तैयार होते है। इसके बावजूद बनारस रेल कारखाना परिसर में 700 से भी अधिक आवंटित दुकानों के किराए में एक-दो साल में ही 400 फीसदी वृद्धि किया जाना इस बात का संकेत है कि वह व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे है। उनके इस हरकत से व्यापारी परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। इसकी बड़ी वजह यह है बरेका सिविल विभाग के अधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड के नाम का गलत इस्तेमाल करके सर्किल रेट एवं आवंटित क्षेत्रफल पर मनमाने ढंग से गणना करना है। इस विषय में सभी साक्ष्यों के साथ पिछले 6 महीने से लगातार व्यापार मंडल स्थानिय जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर बरेका महाप्रबंधक से अनेकों बार वार्ता कर समस्या से अवगत करा चुका हैं। हर बार महाप्रबंधक आश्वास करते हैं की त्रुटियों को सही कराया जाएगा, किंतु गलत बिल की वापसी एवं उचित किराया बिल अभी तक जारी नहीं किया गया है। साथ ही गलत बिल पर ब्याज जोड़कर नोटिस पर नोटिस भेजी जा रही है।
आजीविका का एकमात्र साधन बारेका बाजार
अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि वाराणसी व्यापार मंडल व्यापारियों के साथ हमेशा खड़ा रहता है। आज बरेका का दुकानदार, जिसका पिछले 20 सालों से आजीविका का एकमात्र साधन बारेका बाजार है। इसके सहारे उनके परिवार का भरण पोषण होता हैं लेकिन बरेका के इस हरकत से उनके परिवार पर आने वाली भुखमरी के संकट की आशंका से वो मानसिक उत्पीड़न झेल रहा है। हालांकि मोदी योगी शासनकाल में ऐसा नहीं हो सकता, पर यदि बरेका प्रशासन इस प्रकार का उत्पीड़न कर रहा है तो यह घोर निंदनीयस हैं। इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाएं कम है। यह प्रधानमंत्री के चुनाव का समय है। यदि प्रशासन नहीं चेता तो इन छोटे दुकानदारों की आवाज ऊपर तक पहुंचाई जाएगी। बरेका व्यापार मंडल संरक्षिका योगिता तिवारी ने बताया कि बाजार में 50 फीसदी महिला दुकानदार हैं, जिनके रोजी-रोटी के प्रति प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए। लेकिन प्रशासन उनके उत्पीड़न पर आमादा है। दुकानदारों के इस उत्पीड़न से बरेका निवासी कर्मचारी गृहणियां भी आक्रोश में है, क्योंकि उनकी रोजगार की जरूरत को यही बाजार कम बजट में पूरा करता है। बरेका व्यापार मंडल के सुरक्षा अध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि कुछ दुकानदार प्रशासन के दबाव में रोजगार का एकमात्र साधन अपनी दुकान को बचाने के लिए किसी भी प्रकार किराया जमा करने के चक्कर में सुदखारों के चंगुल में भी फंसे जा रहे हैं, जो आने वाले भविष्य में गंभीर समस्या बन सकता है।
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